Srinagar: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, डॉ फारूक अब्दुल्ला को दें चिन्नई जाने की अनुमति
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और उसे दो राज्यों में विभाजित कर कर केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद ही डॉ फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर स्थित उनके निवास पर नजरबंद रखा है।
जम्मू, जेएनएन। मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) प्रमुख और कानूनविद वाइको ने नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डॉ फारूक अब्दुल्ला को चिन्नई जाने की अनुमति देने के लिए नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। फारूक अब्दुल्ला इन दिनों श्रीनगर स्थित अपने आवास पर करीब 30 दिनों से नजरबंद हैं।
वाइको ने अपनी याचिका में हवाला दिया कि डॉ फारूक अब्दुल्ला को 15 सितंबर को चेन्नई में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई की 111वीं जयंती समारोह में भाग लेना है। उन्हें आमंत्रित करने के लिए कई बार संपर्क किया गया परंतु संभव नहीं हो पा रहा है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और उसे दो राज्यों में विभाजित कर कर केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद ही डॉ फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर स्थित उनके निवास पर नजरबंद रखा है।
उन्होंने आज सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर डॉ फारूक अब्दुल्ला को अदालत के सामने लाने की मांग की। यही नहीं उन्होंने कार्ट के माध्यम से जम्मू-कश्मीर प्रबंधन से वह कारण भी बताने के लिए भी कहा है जिनके आधार पर डॉ फारूक अब्दुल्ला को इतने दिनों से हिरासत में रखा गया है। सनद रहे कि फारूक अब्दुल्ला के अलावा उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सहित विभिन्न राजनीतिक दलों व स्थानीय नेताओं को नजरबंद रखा गया है।