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Restrictions lifted from Kashmir: कश्मीर के अधिकांश इलाकों से प्रतिबंध हटाया, शहर की सड़कों पर दौड़े निजी वाहन

दो दिन की इन पाबंदियों के बाद आज सुबह जब श्रीनगर के लाल चौक सहित अन्य मुख्य बाजारों चौकों व मुहल्लों से कंटीली तारें हटाई गई बेरीकेट हटाए गए तो शहर की सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ गई।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 02:13 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 02:13 PM (IST)
Restrictions lifted from Kashmir: कश्मीर के अधिकांश इलाकों से प्रतिबंध हटाया, शहर की सड़कों पर दौड़े निजी वाहन
Restrictions lifted from Kashmir: कश्मीर के अधिकांश इलाकों से प्रतिबंध हटाया, शहर की सड़कों पर दौड़े निजी वाहन

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने आैर उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद पाकिस्तान ने विश्व में भारत की छवि को धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया पर साइबर वार शुरू कर दी है। अफगानिस्तान, सीरिया, गुलाम कश्मीर सहित कश्मीर की पुरानी वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर उसे मौजूदा स्थिति से जोड़ा जा रहा है। यही नहीं इन झूठी अफवाहों के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है कि कश्मीर में कुछ सही नहीं है। वहां रहने वाले लोग घरों में बंद हैं और सुरक्षाबल उन पर आए दिन अत्याचार कर रहे हैं। परंतु जमीनी हकीकत इनसे बिलकुल अलग है।

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बुधवार को कश्मीर के की सड़कों पर जैसे निजी वाहनों का हजूम ही उतर आया हो। मुहर्रम जुलूस पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद घाटी में एक बार फिर पाबंदियां लगा दी गई थी। दो दिन की इन पाबंदियों के बाद आज सुबह जब श्रीनगर के लाल चौक सहित अन्य मुख्य बाजारों, चौकों व मुहल्लों से कंटीली तारें हटाई गई, बेरीकेट हटाए गए तो शहर की सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ गई। हालांकि प्रशासन ने एहतियातन आज स्कूल बंद रखे हुए थे। इसके अलावा यात्री वाहन भी सड़कों से दूर रहे। कर्ण नगर-बटमालू-लाल चौक-डलगेट पर कई स्थानों पर निजी वाहनों की संख्या इस कदर थी कि यहां लगने वाले ट्रैफिक जाम को हटाने के लिए ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को भी सड़कों पर उतरना पड़ा।

कई इलाकों में तो ऑटो रिक्शा और अंतर-जिला टैक्सी भी घूमती नजर आई। अधिकारियों ने कहा कि अब घाटी के अधिकांश क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा दिया गया है। लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल की तैनाती अभी भी कायम है। मोहर्रम के आठवें और दसवें दिन शहर और अन्य जगहों पर किसी भी जुलूस को रोकने के लिए रविवार और मंगलवार को घाटी के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाया गया था।

सनद रहे कि कश्मीर में 5 अगस्त को प्रतिबंध पहली बार तब लगाए गए जब केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के अपने फैसले की घोषणा की। अब समय बीतने के साथ स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि हर शुक्रवार जुम्मे के दिन स्थानीय प्रशासन घाटी के संवेदनशील इलाकों में प्रतिबंध लागू कर देता है। यही वजह है कि पिछले एक महीने से घाटी में ऐतिहासिक जामा मस्जिद सहित अन्य किसी भी प्रमुख मस्जिद में शुक्रवार की नमाज की अनुमति नहीं दी जा रही है।

कश्मीर बंद के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ है, जो बुधवार को 38 वें दिन में प्रवेश कर गया। अधिकारियों ने कहा कि बाजार और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान अभी भी बंद हैं। इसके अलावा राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्यधारा के नेताओं, अलगाववादी नेताओं को अभी भी नजरबंद रखा गया है।


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