कश्मीर में मासूम समेत चार को निशाना बनाने वाले आतंकियों की पहचान हुई Srinagar News
आतंकियों को निशाना बनी आसमा व तीन अन्य लोग बच गए और तीनों इस समय अस्पताल में उपचाराधीन हैं। हमले से पूर्व आतंकियों ने सोपोर में एक बाहरी श्रमिक सफी आलम की भी हत्या की कोशिश की थी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उत्तरी कश्मीर के सोपोर में ढ़ाई साल की मासूम आसमा जान समेत चार लोगों को गोलियों से निशाना बनाने वाले आतंकी मॉड्यूल की पुलिस ने निशानदेही कर ली है। यह वारदात लश्कर-ए-ताईबा के जिला कमांडर सज्जाद मीर उर्फ अबु हैदर ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दी है। फिलहाल, पुलिस ने सज्जाद और उसके साथियों को पकडऩे के लिए विशेष दल का गठन किया है।
गत शुक्रवार की रात को डांगरपोरा सोपोर में आतंकियों ने सेब व्यापारी हमीदुल्ला राथर के घर में दाखिल होकर उसके पुत्र अरशद हुसैन ,उसकी पोती आसमा जान पुत्री अरशद हुसैन के अलावा दो अन्य लोगों को मोहम्मद रमजान व अशरफ डार की जान लेने के लिए उन पर अंधांधुंध गोलियां चलायी थीं। आतंकी हमीदुल्ला राथर को भी कत्ल करना चाहते थे, लेकिन वह उस समय घर पर नहीं था। हमीदुल्ला का कसूर सिर्फ इतना था कि वह आतंकियों के फरमान का अनसुना कर सोपोर मंडी में अपना कारोबार कर रहा था।
हमलों में लश्कर-हिज्ब का हाथ
अलबत्ता, आतंकियों को निशाना बनी आसमा व तीन अन्य लोग बच गए और तीनों इस समय अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इन तीनों पर हमले से पूर्व आतंकियों ने सोपोर में एक बाहरी श्रमिक सफी आलम की भी हत्या का प्रयास किया था। उसे उसी घर की महिलाओं ने किसी तरह बचाया जिनके मकान के निर्माण में वह लगा हुआ था। उसके कंधों और टांगों में गोलियां लगी हैं। सोपोर स्थित पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दोनों वारदातों को लश्कर कमांडर सज्जाद हैदर समेत पांच आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया है। उसके पांच अन्य साथियों में से दो की पहचान मुदस्सर पंडित और आसिफ मकबूल के रूप में हुई हैं। यह तीनों लश्कर के आतंकी हैं, अन्य दो आतंकी जिनकी तत्काल पहचान नहीं हो पाई है, वह हिज्ब से संबधित हो सकते हैं।
पकड़े गए आतंकियों ने दी कई महत्वपूर्ण जानकारी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोपोर में पकड़े गए लश्कर के आठ आतंकियों ने भी पूछताछ के दौरान कुछ ऐसे राज उगले हैं, जिससे आसमा जान समेत पांच लोगों पर हुए आतंकी हमले का सूत्रधार सज्जाद ही साबित होता है। उन्होंने बताया कि सज्जाद हैदर व उसके साथियों को पकड़ने के लिए पुलिस का विशेष दल बनाया गया है।