कश्मीर के लोगों का आतंकियों को दो टूक, बोले- बहिष्कार पुलिस का नहीं, पोस्टर और फरमानों का होगा
आतंकी संगठनों ने पोस्टर जारी कर लोगों को पुलिसकर्मियों के सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुनाया है।
नवीन नवाज, श्रीनगर। कश्मीर में हालात सामान्य बनाने से लेकर आतंकियों और अलगाववादियों पर शिकंजा कसने के चलते जम्मू कश्मीर पुलिस से आतंकी संगठन पूरी तरह बौखला गए हैं। वहीं, आम कश्मीरी भी का भी पुलिस को पूरा सहयोग मिल रहा है। स्कूल-कार्यालय पहले ही खुल चुके हैं। संचार सेवा बहाल है। सुबह-शाम दुकानें भी खुल रही हैं। सड़कों पर वाहन भी सरपट भाग रहे हैं, जो आतंकी संगठनों को रास नहीं आ रहा। पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर घाटी में तनाव के बावजूद स्थिति नियंत्रण में हैं।
आम कश्मीरी ने दिखाया आईना
ऐसे में आम लोगों को निशाना बनाने के साथ अब आतंकी संगठनों ने पोस्टर जारी कर लोगों को पुलिसकर्मियों के सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुनाया है। वहीं, स्थानीय लोगों ने भी जिहादी तत्वों को आईना दिखते हुए दो टूक कहा, 'धमकियों और फरमानों का दौर बीत चुका। पुलिसकर्मी कोई गैर नहीं, वे हमारे लोगों में से ही एक हैं। बहिष्कार होगा पर पुलिस का नहीं बल्कि पोस्टर और आतंकी फरमानों का।'
अल-बदर ने पोस्टर के जरिए दी धमकी
आम लोगों को कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करते देख जिहादी संगठन अल-बदर ने श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न हिस्सों में पोस्टर जारी कर लोगों को पुलिस से दूर रहने को कहा है। आम कश्मीरियों को इन पोस्टरों में पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों का बहिष्कार करने का फरमान सुनाया गया है। वहीं, बंद को पूरी तरह कामयाब बनाने और सुबह साढ़े आठ बजे के बाद दुकान खोलने वालों पर कठोर कार्रवाई की धमकी दी है।
कोई नहीं सुन रहा, बार-बार जारी कर रहे पोस्टर
आलमदार बटालियन जम्मू कश्मीर तालिबान नामक एक नया आतंकी संगठन भी सामने आया है। इस संगठन द्वारा जारी धमकी भरे पोस्टर गांदरबल में मिले हैं। इन पोस्टरों में भी लोगों को प्रदर्शनों के लिए उकसाया गया है। इससे पहले गत रविवार को जिला शोपियां में हिजबुल के स्वयंभू डिविजनल कमांडर नवीद बाबू द्वारा जारी धमकी भरे पोस्टर मिले थे। इससे पता चलता है कि आतंकियों की कोई नहीं सुना रहा है।
यह केवल गीदड़ भभकियां हैं
एसएसपी इम्तियाज हुसैन मीर ने कहा कि हमारे लिए यह धमकी भरे पोस्टर कोई नए नहीं हैं। पाकिस्तान के एजेंडे पर यहां खून खराबा करने वाले जिहादी तत्वों को उम्मीद नहीं थी कि यहां संवैधानिक स्थिति में बदलाव का लोग स्वागत करेंगे और शांति बनाए रखेंगे। इससे हताश होकर ही आतंकियों ने परिंपोरा में एक दुकानदार की हत्या की, फिर सोपोर में एक बाहरी श्रमिक को गोली मारी, लेकिन स्थानीय महिलाओं ने उसे बचा लिया।
पोस्टर मिलना, मतलब जिहादियों ने कबूल कर ली अपनी हार
बटमालू फल मंडी के बाहर खड़े मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि जिहादियों को लगता था कि अनुच्छेद 370 के हटते ही यहां लोग हिंदोस्तान के खिलाफ होंगे, पुलिस में बगावत होगी। बगावत हुई, लेकिन आतंकियों और पाकिस्तान के खिलाफ। पुलिस कांस्टेबल अल्ताफ अहमद ने कहा कि मैं डाउन-टाउन में ही रहता हूं। चार दिन पहले मैं हब्बाकदल से निकल रहा था, वहां कुछ शरारती तत्वों ने मुझे रोका, लेकिन मोहल्ले के कुछ लड़कों ने उन तत्वों को खदेड़ते हुए कहा कि यह हमारे अपने हैं, यहां किसी तरह का हंगामा नहीं चाहिए। आज जो पोस्टर मिले हैं, वह जिहादियों द्वारा अपनी हार कबूलने का एलान है।