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हिज्ब कमांडर के इशारे पर हुई थी दुकानदार की हत्या

राज्य ब्यूरो श्रीनगर बारामुला में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर के इशारे पर ही दुकानदार

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 09:45 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 06:37 AM (IST)
हिज्ब कमांडर के इशारे पर  हुई थी दुकानदार की हत्या
हिज्ब कमांडर के इशारे पर हुई थी दुकानदार की हत्या

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : बारामुला में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर के इशारे पर ही दुकानदार की हत्या हुई थी। वारदात में लिप्त एक युवक इस समय हिज्ब का सक्रिय आतंकी बन चुका है, जबकि दो अन्य आतंकी संगठन में शामिल होने से पहले पकड़ लिए गए। दोनों संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल व अन्य साजोसामान को जब्त कर लिया है।

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गौरतलब है कि 30 जून की शाम बारामुला के ओल्ड टाउन में मीर मोहल्ला निवासी समीर अहमद अहंगर नामक एक युवक को आतंकियों ने प्वायंट ब्लैंक रेंज से गोलियां मारी थीं। पेशे से दुकानदार समीर के पेट और टांगों में गोलियां लगी थी। वारदात के बाद आतंकी भाग निकले थे। मौके पर पहुंचे लोगों ने समीर को अस्पताल पहुंचाया था, जहां उसकी मौत हो गई।

एसएसपी बारामुला अब्दुल क्यूम ने बताया कि समीर की हत्या की जांच के दौरान हमें कुछ सुराग हाथ लगे। हमें उजैर नामक एक युवक पर संदेह हुआ। उसके घर पर दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिला। वह हिजबुल मुजाहिदीन का सक्रिय आतंकी बन गया था, लेकिन जब उसके घर की तलाशी ली गई तो उसके कुछ दोस्तों की तस्वीरें मिलीं। इनमें से दो युवक उजैर की तरह आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर थे। बाग में छिपाकर रखे गए पिस्तौल व अन्य साजोसामान जब्त किया

एसएसपी ने बताया कि इन युवकों की गतिविधियों की निगरानी की गई तो पता चला कि वारदात के बाद उजैर की तरह यह दो युवक भी गायब थे। इसी दौरान पता चला कि यह लड़के भी हिज्ब में शामिल होने वाले हैं। इसके बाद हमने एक विशेष दल बनाया और दोनों युवकों को उनके ठिकाने से पकड़ लिया। इनकी पहचान आकिब बशीर और आकिब शाला के रूप में हुई है। दोनों ही चिश्ती कॉलोनी बारामुला के रहने वाले हैं। पुलिस ने इन दोनों की निशानदेही पर बाग में छिपाकर रखे गए एक पिस्तौल व अन्य साजोसामान को जब्त किया है। दोनों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने ही समीर अहंगर को गोली मारी थी। वारदात के समय उजैर भी उनके साथ था। इन दोनों को भी उसी रात हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से यह उजैर के साथ नहीं जा पाए थे। पूछताछ में पता चला है कि समीर की हत्या हिजबुल मुजाहिदीन के एक स्थानीय कमांडर के निर्देश पर हुई है। तीनों को हिज्ब कमांडर ने कहा था कि वह जब तक समीर को निशाना नहीं बनाएंगे, उन्हें संगठन में भर्ती नहीं किया जाएगा।


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