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आम कश्मीरी देश के झंडे के लिए जान देने को तैयार : फारूक खान

राज्य ब्यूरो जम्मू राज्यपाल के नव नियुक्त सलाहकार और लक्षद्वीप के पूर्व प्रशासक फारूक खान ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:45 AM (IST)
आम कश्मीरी देश के झंडे के लिए जान देने को तैयार : फारूक खान
आम कश्मीरी देश के झंडे के लिए जान देने को तैयार : फारूक खान

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्यपाल के नव नियुक्त सलाहकार और लक्षद्वीप के पूर्व प्रशासक फारूक खान ने सोमवार को कहा कि सिर्फ बंदूक का डर ही कश्मीरियों को भारत माता की जय का नारा बुलंद करने से रोकता है। कश्मीरी पूरी तरह राष्ट्रभक्त और भारतीय हैं। हमें सिर्फ उनके दिलों में बैठे जिहादी व राष्ट्रविरोधी तत्वों के डर को निकालना है।

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सोमवार को जम्मू पहुंचने के बाद फारूक खान ने कहा कि मैं इसी राज्य का नागरिक हूं। मैंने कश्मीर में बतौर पुलिस अधिकारी काम करते हुए कई आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लिया है। मैं अच्छी तरह से कश्मीरियों की भावनाओं को समझता हूं। आम कश्मीरी पूरी तरह भारतीय हैं, वह भी इस देश के झंडे के लिए जान देने को तैयार हैं। कश्मीर में सुरक्षाबलों के सफल आतंकरोधी अभियानों में अहम भूमिका आम कश्मीरियों की रहती है, लेकिन आम कश्मीरी आतंकियों, अलगाववादियों व उनके एजेंटों से डरता है। यही डर उसे खुलेआम भारत माता की जय का नारा लगाने से रोकता है। हमें इसी डर को समाप्त करना है। हमें आम कश्मीरी को प्रोत्साहित करना है, उसमें सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करनी है ताकि वह बिना सुरक्षाबलों के खुद ही आतंकियों से निपट सकें। राष्ट्र के दुश्मनों के प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती

फारूक खाने ने कहा कि मेरे लिए जम्मू की तरह कश्मीर भी अहम है। कश्मीर मेरा ननिहाल है। आतंकवाद के कारण कश्मीर में लोगों को बहुत सी मुसीबतें झेलनी पड़ी हैं, लेकिन जल्द ही उनकी मुसीबतों का अंत होने वाला है। इस दिशा में केंद्र सुनियोजित तरीके से काम कर रहा है। केंद्र और कश्मीरियों के बीच नफरत पैदा करने की साजिश करने वाले अपने मंसूबों में नाकाम रहे हैं। कश्मीरियों को समझ आ चुका है कि उन्हें कुछ लोगों ने अपने फायदे के लिए झूठों नारों के आधार पर गुमराह किया है। राज्य में आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले फारूक खान ने कहा कि हमारा एक ही प्रयास है कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा, शांति और विश्वास का माहौल बने। राष्ट्र के दुश्मनों के प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती, लेकिन जो लोग जो चाहते हैं कि हिसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा का हिस्सा बनकर इस रियासत को खुशहाल बनाया जाए, उन्हें गले लगाने के लिए हम तैयार हैं। कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीर अधूरा

कश्मीरी पंडितों की वापसी संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीर अधूरा है। केंद्र सरकार विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस मामले पर पूरी तरह गंभीर हैं। वह उनकी कश्मीर वापसी और पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास महज बोलने तक सीमित नहीं है। इसे जमीनी स्तर पर लागू करते हुए हकीकत में बदला जा रहा है। यह कोई सियासी नारा नहीं है बल्कि यह समाज के सभी वर्गो के उत्थान और विकास के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से एक आश्वासन है। नशीले पदार्थो का कारोबार आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक

फारूक ने कहा कि मुझे एक बार जम्मू कश्मीर में अपने लोगों के लिए काम करने का मौका मिला है और मैं पूरी लगन और निष्ठा से लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। राज्य में नशाखोरी और नशीले पदार्थो के कारोबार पर फारूक खान ने कहा कि यह बहुत खतरनाक है। यह आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है और इसे सख्ती से कुचलने की जरूरत है। मैं लक्षद्वीप में जब जम्मू कश्मीर में ड्रग्स की बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में सुनता था तो बहुत ज्यादा दुखी होता था। मैंने बतौर पुलिस अधिकारी हमेशा ही नशीले पदार्थो के कारोबारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए और अब भी राज्य से नशे को मिटाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।


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