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शहीदी दिवस पर अलगाववादियों के कश्मीर बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित, रेल सेवा भी रही बंद Kashmir News

अलगाववादियों के बंद और नक्शबंद साहब मार्च के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने श्रीनगर समेत पूरी वादी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 11:56 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 11:56 AM (IST)
शहीदी दिवस पर अलगाववादियों के कश्मीर बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित, रेल सेवा भी रही बंद Kashmir News
शहीदी दिवस पर अलगाववादियों के कश्मीर बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित, रेल सेवा भी रही बंद Kashmir News

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर घाटी में शनिवार को शहीदी दिवस पर अलगाववादियों द्वारा आयोजित बंद के से सामान्य जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त करने के अलावा डाऊन-टाऊन के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा भी लागू कर दी है। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा को अगले आदेश तक बंद करने के अलावा आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक समेत सभी प्रमुख अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है।

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गौरतलब है कि 13 जुलाई 1931 को श्रीनगर में तत्कालीन डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के खिलाफ हुए विद्रोह के दौरान मारे गए लोगों की याद में हर साल 13 जुलाई को राज्य में शहीदी दिवस मनाया जाताहै। इस दिन पूरे राज्य में राजपत्रित अवकश रहता है ।श्रीनगर के नक्शबंद इलाके में 13 जुलाई 1931 के शहीदों के मजार पर सरकारी स्तर पर श्रद्धांजली समारोह आयोजित किया जाता है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने आते हैं। अाल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों 13 जुलाई को कश्मीर बंद का अायोजन करते हैं और कहते हैं कि 13 जुलाई 1931 के शहीदों का मिशन तभी पूरा होगा जब जम्मू कश्मीर के लोगों को अात्मनिर्णय का अधिकार मिलेगा।संवेदनशील

इलाकों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

अलगाववादियों ने बीते सालों की तरह इस साल भी शहीदी दिवस पर कश्मीर बंद का आयोजन करते हुए नक्शबंदसाहब तक एक मार्च एलान कर रखा है। अलगाववादियों के बंद और नक्शबंद साहब मार्च के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने श्रीनगर समेत पूरी वादी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्द्धसैनिकबलों की तैनाती बड़ा दी गई है। कई इलाकों में निषेधाज्ञा भी रखी गई है और आने जाने के विभिन्न रास्तों को भी बंद किया गया है।

कश्मीर में बंद का दिखा असर

बंद के आह्वान और प्रशासनिक पाबंदियों का असर आज सुबह से ही श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न हिस्सों में नजर आया। सभी दुकानें और निजी प्रतिष्ठान बंद रहे। सरकारी कार्यालय व शिक्षण संस्थान सरकारी अवकाश के कारण बंद रहे। सड़कों पर सिर्फ निजी वाहनों की आवाजाही रही,लेकिन सार्वजनिक वाहन कहीं कहीं ही सड़कों पर नजर आए। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा को भी प्रशासन ने अगले आदेश तक एहतियातन बंदरखने का निर्देश दिया है।

अलगाववादी नेता रहे नजरबंद

अलगाववादियों के नक्शबंद साहब चलो मार्च को नाकाम बनाने के लिए प्रशासन ने आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक, कटटरपंथी हुर्रियत प्रमुख सईद अली शाह गिलानी, मुख्तार अहमद वाजा, पीपुल पोलिटीकल पार्टी के चेयरमैन हिलाल अहमद वार, जेकेएलएफ नेता जावेद मीर, मुस्लिम कांफ्रेंस के नेता प्रो अब्दुल गनी बट समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया है।


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