मीरवाइज को प्रशासन ने उनके घर में किया नजरबंद
राज्य ब्यूरो श्रीनगर ऑल पार्टी हुíरयत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ऑल पार्टी हुíरयत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को प्रशासन ने शुक्रवार को उनके घर में अगले आदेश तक नजरबंद कर दिया। प्रशासनिक पाबंदियों के चलते डाउन-टाउन स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुमा भी नहीं हुई। अलबत्ता, श्रीनगर में दिनभर स्थिति लगभग शांत और सामान्य रही। इस बीच हुर्रियत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने 13 जुलाई 2019 को शहीदी दिवस के दौरान पूर्ण कश्मीर बंद के आह्वान को दोहराते हुए लोगों से नमाज-ए-जुहर के बाद मजार-ए-शोहदा पर जमा होने को कहा है।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि 13 जुलाई 1931 को कश्मीर में तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के खिलाफ एक विद्रोह हुआ था। इस दौरान महाराजा की फौज की फायरिग में मारे गए लोगों की याद में 13 जुलाई को शहीदी दिवस मनाया जाता है। राज्य में 13 जुलाई को राजपत्रित अवकाश भी रहता है। सरकारी स्तर पर शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में श्रीनगर के नक्शबंद साहब इलाके में एक श्रद्धांजलि समारोह होता है। अलगाववादी खेमा भी शहीदी दिवस समारोह मनाता है और दावा करता है कि 1931 के शहीदों का मिशन कश्मीर के पाकिस्तान में विलय तक अधूरा है। अलगाववादी खेमा 13 जुलाई को हर साल कश्मीर बंद आयोजित करता है।
पुलिस ने अलगाववादियों को 13 जुलाई को किसी तरह की गड़बड़ी करने से रोकने के लिए अपनी कवायद शुक्रवार सुबह शुरू करते हुए सबसे पहले मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को उनके घर में नजरबंद किया। इसके अलावा हुíरयत कांफ्रेंस के एक अन्य वरिष्ठ नेता मुख्तार वाजा सहित हिलाल वार और जावेद मीर को भी उनके घर में नजरबंद किया।
इसी दौरान डाउन-टाउन में प्रशासन ने आतंकी सज्जाद गिलकारी की बरसी पर राष्ट्रविरोधी तत्वों के जुलूस को रोकने और नमाज-ए-जुमा के बाद हिसक प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए प्रशासनिक पाबंदियां शुक्रवार को सुबह ही लागू कर दी। नौहट्टा, राजौरीकदल, सफाकदल, महाराजगंज, खनायार में सभी दुकानें बंद रहीं। इसके अलावा सुरक्षाबलों ने विभिन्न सड़कों को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद रखा।
गौरतलब है कि सज्जाद गिलकारी और उसके साथियों ने ही 22 जून 2017 के जून को शब-ए-मिराज की रात को डीएसपी अयूब पंडित की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। सज्जाद 12 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में दो अन्य आतंकियों संग मुठभेड़ में मारा गया था। उसके जनाजे के दौरान उसके समर्थकों ने पाकिस्तानी ध्वज को नीचे फेंक दिया था और उसके शव को तौहीद के झंडे में रखा गया था। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को गिलकारी की बरसी थी और जुमा भी। इसलिए डाउन-टाउन में एहतियातन प्रशासनिक पाबंदियां लगाने के अलावा मीरवाइज व अन्य अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद किया गया है। उन्होंने बताया कि यह पाबंदियां शनिवार को भी जारी रहेंगी, लेकिन अंतिम फैसला देर रात होने वाली एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में ही लिया जाएगा।