Move to Jagran APP

भारत को फिर उकसाया, लेह-लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में डेढ़ किमी अंदर तक घुसी चीनी सेना

अरुणाचल प्रदेश के डोकलाम में भारतीय और चीनी सशस्त्र बलों के बीच दो साल तक गतिरोध के बाद एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव की खबरें हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 06:56 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 07:30 AM (IST)
भारत को फिर उकसाया, लेह-लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में डेढ़ किमी अंदर तक घुसी चीनी सेना
भारत को फिर उकसाया, लेह-लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में डेढ़ किमी अंदर तक घुसी चीनी सेना

नई दिल्ली, प्रेट्र। डोकलाम विवाद के लगभग दो साल बाद चीनी सैनिकों ने एक बार फिर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। जम्मू-कश्मीर के लद्दाख सेक्टर के देमचोक इलाके में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक डेढ़ किलोमीटर अंदर तक चले आए थे। सुरक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पहले मीडिया की खबरों में चीनी सैनिकों के छह किलोमीटर अंदर तक घुस आने की बात कही जा रही थी।

loksabha election banner

अधिकारियों ने बताया कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जन्मदिन पर चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कोयूल गांव में तिब्बती शरणार्थियों ने छह जुलाई को तिब्बत का झंडा फहराया था। इसी का विरोध करने पीएलए के सैनिक अपने वाहन से कोयूल गांव तक चले आए थे और तिब्बती झंडा फहराने का विरोध किया। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच अभी तक एलएसी का सही निर्धारण नहीं हुआ है, इसलिए घुसपैठ को लेकर अलग-अलग मत होते हैं।

दूसरी ओर, इस घटना को लेकर रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पीएलए के जवानों ने एलएसी को पार नहीं किया था। दो वाहनों से सादे कपड़ों में आए चीनी सैनिक अपने क्षेत्र में सिंधु नदी के किनारे खड़े थे। वहीं से उन्होंने एक बैनर लहराया, जिस पर लिखा था, 'तिब्बत को विभाजित करने वाली सभी गतिविधियां प्रतिबंधित करें।'

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि लद्दाख में ग्रामीण दलाई लामा का 84वां जन्मदिन मना रहे थे। चीनी सैनिक लगभग 30-40 मिनट रुकने के बाद वहां से चले गए थे। वहीं, सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि दोनों ही पक्ष के अधिकारियों ने मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का फैसला किया है।

भारतीय अधिकारियों ने शरणार्थियों की गतिविधियों की जांच करने का भी भरोसा दिलाया है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि भारतीय सेना के जवान भी वहां मौजूद थे और उन्होंने चीनी सैनिकों को और आगे नहीं बढ़ने दिया।

देमचोक की सरपंच उर्गैन चोडन ने बताया कि यह एक ऐसा स्थान है जहां तीन स्थानों के लोग आदरणीय दलाई लामा का जन्मदिन मनाने के लिए आते हैं। इस मौके पर हम राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ तिब्बती झंडे और बौद्ध झंडे भी लगाते हैं। इसने कभी किसी को नहीं उकसाया। ऐसा लगता है कि वे इससे उकसा गए और हमारे क्षेत्र के 6-7 किलोमीटर अंदर आए और उन्‍होंने अपने झंडे लगाए।

बता दें कि 2017 में सिक्किम और भूटान की सीमा के पास डोकलाम में चीनी सेना ने सड़क बनाने का प्रयास किया था। भारतीय जवानों ने उन्हें सड़क बनाने से रोका तो सीमा पर तनाव पैदा हो गया था। 73 दिनों तक भारत और चीन की सेना आमने-सामने रही थी। बाद में वूहान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक के बाद तनाव में कमी आई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.