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पहलगाम में 16 को होगा छड़ी पूजन व ध्वजारोहण

अमरनाथ यात्रा में पवित्र हिमलिंग के दर्शनों के अतिरिक्त सर्वाधिक महत्व छड़ी मुबारक का है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही अमरनाथ यात्रा शुरू होती है। इस वर्ष 16 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। इसी दिन पहलगाम में भगवान अमरेश्वर की पवित्र छड़ी मुबारक का पूजन होगा और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यात्रा शुरू होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 07:17 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 06:55 AM (IST)
पहलगाम में 16 को होगा छड़ी पूजन व ध्वजारोहण
पहलगाम में 16 को होगा छड़ी पूजन व ध्वजारोहण

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अमरनाथ यात्रा में पवित्र हिमलिंग के दर्शनों के अतिरिक्त सर्वाधिक महत्व छड़ी मुबारक का है। सरकारी तौर पर भले ही यात्रा एक जुलाई से शुरू हो चुकी है, लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भी शुरू होती है।

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इस बार 16 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है और इसी दिन मान्यताओं के अनुसार पवित्र यात्रा शुरू होगी। इस दिन दक्षिण कश्मीर में लिद्दर दरिया के किनारे पहलगाम में भगवान अमरेश्वर की पवित्र छड़ी मुबारक, तीर्थयात्रा के भूमि पूजन और ध्वजारोहण के अनुष्ठान होगा, जिसके साथ भगवान अमरेश्वर (श्री अमरनाथ) की पवित्र गुफा की वाíषक तीर्थयात्रा भी धाíमक एवं पौराणिक मान्यताओं अनुसार शुरू हो जाएगी। करीब दो दशक पहले तक यह तीर्थयात्रा आषाढ़ पूíणमा के दिन ही शुरू होती थी।

श्री अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक और दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि इस वर्ष आषाढ़ पूíणमा 16 जुलाई को है। उस दिन सुबह श्री अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक पहलगाम जाएगी। वहां वाíषक तीर्थयात्रा-2019 का भूमि पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण का अनुष्ठान सनातन विधि से होगा। इसके साथ ही श्री अमरनाथ की वाíषक तीर्थयात्रा भी शुरू हो जाएगी। तीर्थयात्रा का महत्व आषाढ़ पूíणमा से श्रावण पूíणमा तक ही है। पहलगाम में पूजा अर्चना के बाद पवित्र छड़ी मुबारक वापस दशनामी अखाड़ा लौटेगी। पहली अगस्त को छड़ी मुबारक गोपाद्री पर्वत पर स्थित श्री शंकराचार्य मंदिर जाएगी और वहां भगवान शंकर के जलाभिषेक एवं अर्चना में भाग लेगी। दो अगस्त को छड़ी मुबारक हरि पर्वत स्थित मां शारिका भवानी के मंदिर जाएगी। उन्होंने बताया कि तीन अगस्त को अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा में छड़ी स्थापना का पूजन होगा व पांच अगस्त को अमरेश्वर मंदिर में ही नाग पंचमी के दिन छड़ी पूजन किया जाएगा। 15 अगस्त को होगा तीर्थयात्रा का मुख्य दर्शन

महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि छड़ी मुबारक भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा के लिए 10 अगस्त की सुबह दशनामी अखाड़ा से अपनी यात्रा शुरू करेगी और उसी शाम पहलगाम में पहुंचेगी। दो रात्रि विश्राम पहलगाम में होगा और 12 अगस्त को चंदनबाड़ी में पहुंचेगी। छड़ी मुबारक 13 अगस्त को शेषनाग और 14 को पंचतरणी पहुंचेगी। 15 अगस्त की सुबह छड़ी मुबारक पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी। उसी दिन तीर्थयात्रा का मुख्य दर्शन होगा। बाबा बर्फानी के दर्शन और पवित्र गुफा में पूजा करने के बाद छड़ी मुबारक उसी दिन वापस पहलगाम लौटेगी।


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