पाक के खिलाफ बगावत पर उतरा आतंकी संगठन
राज्य ब्यूरो श्रीनगर कश्मीर में आतंक का बीज बोने वाले पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी संगठन बगावत पर उतर आए हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में आतंक का बीज बोने वाले पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी संगठन बगावत पर उतर आए हैं। कश्मीर में अल-कायदा के संगठन अंसार उल गजवात ए हिद (एजीएच) के कमांडर हमीद ललहारी के ऑडियो संदेश में इसका खुलासा किया है। यह ऑडियो संदेश एजीएच ने अपने टेलीग्राम मीडिया चैनल अल हुर में आतंकी बुरहान की तीसरी बरसी पर जारी किया है।
ललहारी के अनुसार उसे पाकिस्तान ने हथियार व अन्य साजो सामान देने की पेशकश की थी, लेकिन शर्त यह रखी थी कि सुरक्षाबलों व महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमले पाक की मर्जी से होंगे। इस पेशकश को ललहारी ने नकार कश्मीर में सक्रिय विभिन्न आतंकी संगठनों से एक बैनर तले जमा होने को कहा है।
ऑडियो संदेश में ललहारी ने कश्मीर में सक्रिय जिहादी तंजीमों (आतंकी संगठन) के दो से तीन प्रतिनिधियों की मजलिस-ए-शौरा (कार्यकारी समिति) बनाने पर जोर दिया। यही मजलिस जिहादियों के हमलों का फैसला करेगी। इस ऑडियो संदेश में आतंकी बुरहान के उस ऑडियो-वीडियो संदेश को शामिल किया जिसमें उसने कश्मीर में खिलाफत बहाली की बात की थी। यह ऑडियो-वीडियो सितंबर पांच अक्टूबर 2015 का था। ललहारी ने दावा किया है कि बुरहान पाकिस्तान के एजेंडे को समझ चुका था। वह भी कश्मीर में पाक से मुक्त अलग जिहादी तंजीम चाहता था। पाक को उसके इरादों का पता चल गया था।
उसने कहा कि आतंकी जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद पाकिस्तानी एजेंसी ने उससे संपर्क कर कहा कि वह कश्मीर में एजीएच का साथ देने को तैयार है, हथियार और पैसा भी देगी। एजीएच वारदातें पाक की मर्जी के अनुरूप ही अंजाम दे। ललहारी ने कहा कि हमने पाक की शर्तों को नकार दिया। ललहारी ने कश्मीर में सक्रिय सभी जिहादी तंजीमों को एक परचम के नीचे जमा होने का न्योता देते हुए कहा कि हम सभी आपस में मिलकर चल सकते हैं। जिहादी कार्रवाइयों का फैसला पाक एजेंसियों के इशारे पर या कश्मीर से बाहर बैठे जिहादी नेताओं की मर्जी से नहीं होगा। हमें किसी के एजेंडे को पूरा करने वाला हथियार नहीं बनना है। हमें दिए हथियार सिर्फ मरने के लिए दिए जा रहे हैं। ललहारी ने गत माह बिजबिहाड़ा में लश्कर व हिज्ब के आतंकियों द्वारा मिलकर आइएस के एक आतंकी आदिल दास की हत्या की निदा की। पाक के इशारे पर चलने वाली कुछ तंजीमें वर्चस्व बनाए रखने के लिए कत्ल और ताकत का इस्तेमाल कर रही हैं। इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती। अगर कोई मसला है तो उसे शरीयत के मुताबिक हल किया जा सकता है। उसने आतंकियों के पास हथियारों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये जिहाद के लिए मिले हैं। अगर कोई जिहादी अपनी तंजीम बदलता है तो उससे उसका हथियार नहीं छीना जाना चहिए।