मौलवी से जेहादी बना था नसीर
राज्य ब्यूरो श्रीनगर पुलवामा के डलीपोरा में वीरवार की सुबह जैश कमांडर खालिद के साथ मारा गया नशीर पहले मौलवी था। बाद में वह आतंकी बना।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पुलवामा के डलीपोरा में वीरवार की सुबह जैश कमांडर खालिद के साथ मारे गए दो स्थानीय आतंकियों में शामिल नसीर अहमद पंडित गत वर्ष ही जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय आतंकी बना था। हालांकि वह वर्ष 2009 से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा। वह पहले भी आतंकियों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करता था और कई बार राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में पकड़ा गया था। उसे दो बार पीएसए के तहत जेल भी भेजा गया था। वर्ष 2016 में भी उसे पीएसए के तहत बंदी बनाया गया था। जेल से छूटने पर वह स्थानीय मस्जिद में मौलवी की जिम्मेदारी निभाने लगा था। उसके खिलाफ नशीले पदार्थो की तस्करी का भी मामला दर्ज है। उसने गत वर्ष ईद के मौके पर पुलिस कर्मी मोहम्मद याकूब शाह की उसके घर में घुस कर हत्या कर दी थी। बीते साल वह सुरक्षाबलों के रडार पर उस समय आया, जब अवंतीपोरा की तरफ जाते हुए वह सुरक्षाबलों के एक नाके से बचने के लिए भाग निकला, इस दौरान उसका फोन गिर गया जो पुलिस के हाथ लगा। फोन की काल डिटेल से पुलिस को उसके आतंकियों के साथ कथित संबंधों का पता चला था। इसके बाद वह कुछ दिन तक घर में रहा और एक दिन आतंकी बनने के लिए गायब हो गया।
नसीर के साथ मारा गया शोपियां का उमैर मीर भी विभिन्न आतंकी वारदातों में वांछित था। मारे गए इन दोनों आतंकियों को दोपहर बाद उनके पैतृक कस्बों में दफनाया गया। आतंकियों के जनाजे में सैकड़ों की संख्या में शामिल लोगों ने जेहादी नारे भी लगाए।