बच्ची से दुष्कर्म के विरोध में भड़की हिसा
राज्य ब्यूरो श्रीनगर उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में तीन वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के विरोध में सोमवार को विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में तीन वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के खिलाफ लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन विभिन्न इलाकों में पीड़ित बच्ची के लिए न्याय की माग को लेकर लोगों ने जुलूस निकाले। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारी हिसक हो उठे। हिंसक झड़पों में 50 सुरक्षाकर्मियों समेत करीब 65 लोग जख्मी हो गए। घायलों में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की दूसरी वाहिनी के असिस्टेंट कमांडेंट भी शामिल हैं। पथराव में सुरक्षाबलों के तीन वाहनों के अलावा दो एंबुलेंस और छह निजी वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जिला बारामुला के पट्टन और बाडीपोर के सुंबल व तिरगाम में कर्फ्यू लागू कर दिया है। इस बीच, कश्मीर बॉर एसोसिएशन ने भी पीड़ित बच्ची के लिए न्याय की माग को लेकर अदालती कामकाज का बहिष्कार किया। उधर, कारगिल में पीड़िता के लिए न्याय और आरोपित को मौत की सजा देने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने जुलूस निकाला।
बांडीपोरा की घटना पर शिया संगठन इत्तेहाद उल मुस्लमीन के आह्वान पर सोमवार को श्रीनगर के साथ बड़गाम, पट्टन, सुंबल, मागाम और पापोर के आसपास के इलाकों और अनंतनाग के विभिन्न हिस्सों में हड़ताल रही। सुंबल में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी शिक्षण संस्थानों में पहले ही अवकाश घोषित कर रखा था। श्रीनगर, बारामुला, बाडीपोर गादरबल, बड़गाम, पुलवामा और अनंतनाग समेत वादी का शायद ही कोई शहर या कस्बा होगा, जहा सुंबल काड के खिलाफ प्रदर्शन न हुए हों। सोपोर, गादरबल, अनंतनाग और श्रीनगर में स्कूली छात्र-छात्राओं ने भी कक्षाओं का बहिष्कार करते हुए जुलूस निकाले। कई जगह यह छात्र हिंसा पर उतर आए। इस्लामिक यूनिवर्सिटी अवंतीपोरा, कश्मीर विश्वविद्यालय और शेरे कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी रोष जताते हुए प्रदर्शन किए। इस दौरान कई इलाकों में हिंसक झड़पें हुईं। मीरगुंड में पुलिस को कुछ जगहों पर लाठियों, आसूगैस और पैलेट का सहारा लेना पड़ा। सबसे ज्यादा हिंसा मीरगुंड, हाजीवीरा, पट्टन और सुंबल में हुई। हिंसक झड़पों में 50 सुरक्षाकर्मियों समेत 65 लोग जख्मी हुए हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने तीव्र उत्तेजना के बावजूद यथासंभव संयम का परिचय दिया। आरोपित नाबालिग नहीं, बालिग है : डीआइजी
डीआइजी उत्तरी कश्मीर रेंज सुलेमान चौधरी ने बताया कि दुष्कर्म का आरोपित पहले ही पुलिस हिरासत में है। जाच में पता चला है कि वह नाबालिग नहीं बालिग है। इसके अलवा हमने इस्लामिया एजूकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूल के प्रिंसिपल अली मोहम्मद ठाकुर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उसने आरोपित को नाबालिग बताने वाला प्रमाणपत्र जारी किया था। फास्ट ट्रैक पर हो रही जाच :
डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर बसीर अहमद खान ने लोगों को आश्वासन दिया कि बांडीपोरा घटना की जाच फास्ट ट्रैक आधार पर की जा रही है। वह स्वयं व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि पीड़ित बच्ची से न्याय किया जाएगा और दोषी को कानून के तहत कड़ी सजा दी जाएगी। इस घटना के संबंध में अगर किसी को भी शिकायत है तो वह व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क कर सकता है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने घटना पर गहरा दुख जताया :
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने आइजीपी कश्मीर एसपी पाणि से बात की और जाच की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आइजीपी को जांच तेज करने के साथ यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अपराधी को इस शर्मनाक कृत के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिले। राजभवन के प्रवक्ता ने कहा है कि राज्यपाल ने विभिन्न समुदायों के धार्मिक नेताओं से भी बात की है। उन्होंने लोगों से शाति बनाए रखने कर की अपील भी की। दुष्कर्मी को पत्थर मारकर मौत की सजा देनी चाहिए : महबूबा
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीटर पर लिखा, मैं तीन वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। किस तरह की बीमार मानसिकता के लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। समाज अक्सर ऐसी घटनाओं के लिए कई बार महिलाओं को जिम्मेदार ठहराता है, लेकिन क्या यह सच में उस मासूम की गलती थी। आज ऐसे वक्त में शरिया कानून के मुताबिक, ऐसे गुनाह करने वाले को संगसार (पत्थर मारकर मौत की सजा देना) करना चाहिए।