डॉक्टर का बेटा बना आतंकी
राज्य ब्यूरो श्रीनगर आतंक की क्यारी बन चुके दक्षिण कश्मीर में स्थानीय युवकों के आतंकी बनन
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: आतंक की क्यारी बन चुके दक्षिण कश्मीर में स्थानीय युवकों के आतंकी बनने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। वीरवार को भी दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक और युवक मोहम्मद असलम डार ने सोशल मीडिया पर हथियार के साथ अपनी तस्वीर वायरल कर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का दामन थामने का एलान किया है। करीब एक पखवाड़े से लापता मोहम्मद असलम डार के पिता मोहम्मद रफीक डार पेशे से डाक्टर हैं। 12वीं पास मोहम्मद असलम ने पैरामेडिकल में दो वर्ष का डिप्लोमा लेने के बाद जिला अस्पताल अनंतनाग में भी दो साल तक अपनी सेवाएं दी हैं।
कुलगाम जिले में रेडवनी बाला गांव के रहने वाले मोहम्मद असलम डार की सोशल मीडिया पर वीरवार को दोपहर से एक फोटो वायरल हो रही है। हाथ में एसाल्ट राइफल लिए नजर आ रहे मोहम्मद असलम डार को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने हैदर जिहादी नाम दिया है। वह पहली मई से आतंकी संगठन में सक्रिय हुआ है।
पिछले पांच दिन में दक्षिण कश्मीर के चार युवकों ने सोशल मीडिया के जरिए आतंकी बनने का एलान किया है। इनमें से दो कुलगाम के ही रहने वाले हैं। मोहम्मद असलम डार से पूर्व सोमवार को कुलगाम के फ्रिसल शीरपोरा गांव का रहने वाला सज्जाद अहमद बट ने भी सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर वायरल कर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ने का एलान किया था। आतंकी संगठन ने उसका कोड नाम अब्दुल्ला भाई रखा है। वह बीते एक माह से लापता था।
जिला पुलवामा में अरिहाल गांव से गत 14 जनवरी से लापता मोहम्मद यूसुफ बट का भी पता चल गया है। वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में आतंकी अबु कासिम बन चुका है। उसने भी गत रोज सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपनी तस्वीर वायरल की थी।
त्राल से सटे गुलिस्तां गांव से लापता रईस अहमद डार पुत्र गुलाम मोहम्मद डार भी जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी बन गया है। उसने भी सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपनी तस्वीर वायरल की है। इस साल अब तक पूरे कश्मीर में 30 युवकों के आतंकी बनने की पुष्टि हो चुकी है, हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से कतराती है।