कश्मीर में 165 अलगाववादी नेता व समर्थक हिरासत में
राज्य ब्यूरो श्रीनगर कश्मीर घाटी में राष्ट्रविरोधी तत्वों पर नकेल कसने और कानून व्यवस्था क
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में राष्ट्रविरोधी तत्वों पर नकेल कसने और कानून व्यवस्था का माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस ने बीते चौबीस घंटों के दौरान 165 अलगाववादी नेताओं व उनके समर्थकों को हिरासत में लिया है। इनमें जमायत-ए-इस्लामी कश्मीर के आमीर-ए-आला डॉ. हामिद फैयाज समेत 28 जमायत कार्यकर्ता भी शामिल हैं। 1990 के दशक में जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तो आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को जमायत का दाहिना बाजू माना जाता था। आज भी हिजबुल मुजाहिदीन का एक बड़ा कैडर जमायत-ए-इस्लामी से जुड़ा है। अलगाववादियों के खिलाफ शुरू हुए इस क्रैकडाउन का असर शनिवार को पूरी वादी में सामान्य जनजीवन पर नजर आया। हर जगह आंशिक बंद के माहौल के बीच दिनभर अफवाहों के दौर के बीच कई जगह हुर्रियत समर्थकों व सुरक्षाबलों में ¨हसक झड़पें भी हुई हैं। याद रहे कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर सुनवाई भी होने वाली है। इन गिरफ्तारियों को 35ए व आगामी चुनावों से पहले किसी बड़ी कार्रवाई के रूप में भी देखा जा रहा है।
अलगाववादियों के खिलाफ यह क्रैकडाउन गत शुक्रवार को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक की गिरफ्तारी से शुरू हुआ, जो शनिवार देर शाम तक जारी था। सुबह तक पुलिस ने जमायत-ए-इस्लामी के आमीर-ए-आला डॉ. फैयाज हमीद, जमायत के प्रवक्ता एडवोकेट जाहिद अली समेत 28 जमायत कार्यकर्ताओं को उनके ठिकानों से पकड़ा गया था। इसी दौरान, जम्मू कश्मीर साल्वेशन मूवमेंट के चेयरमैन जफर अकबर बट को भी पुलिस ने उनके घर से हिरासत में ले लिया। प्रो. अब्दुल गनी बट और मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, पीपुल्स पोलिटीकल पार्टी के चेयरमैन हिलाल वार, जेकेएलएफ नेता जावेद, कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी समेत एक दर्जन प्रमुख अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है। हिरासत में लिए गए जमायत कार्यकर्ताओं व नेताओं में सभी जिलों के आमीर शामिल हैं। अफवाहों के साथ कई जगह ¨हसक झड़पें :
अलगाववादियों की गिरफ्तारी के साथ ही वादी में तनाव पैदा हो गया और तरह-तरह की अफवाहें फैलने लगी। कइयों ने जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की मौत की अफवाह फैलाई तो कइयों ने धारा 35ए को भंग किए जाने की खबर फैलाई। इससे श्रीनगर समेत वादी के सभी प्रमुख शहरों व कस्बों में दुकानें बंद हो गई। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही घट गई। प्रशासन ने हालात को देखते हुए सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस व अर्द्धसैनिकबलों की तैनाती बढ़ा दी, लेकिन अनंतनाग, पुलवामा के अलावा श्रीनगर के सर्राफकदल, कर्णनगर, प¨रपोरा और नौहट्टा समेत विभिन्न इलाकों में अलगाववादियों के समर्थकों ने भड़काउ नारेबाजी करते हुए सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। सर्राफकदल में ¨हसक तत्वों ने सीआरपीएफ के शिविर पर हमला करते हुए पथराव किया। नौहट्टा में शरारती तत्वों ने पथराव करते हुए सड़कों पर टायर भी जलाए। हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को भी ¨हसक तत्वों पर लाठियों और आंसूगैस का सहारा लेना पड़ा। हालांकि पुलिस ने इन ¨हसक झड़पों में किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं की है। लेकिन सूत्रों की माने तो सात लोग जख्मी हुए हैं। इनमें से तीन दक्षिण कश्मीर में जिला अनंतनाग से और एक अन्य पुलवामा से संबध रखता है। महबूबा ने किया विरोध, पूछा गिरफ्तारी का कानून आधार क्या:
अलगाववादियों के खिलाफ क्रैकडाउन का पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह हालात सुधारने के बजाय बिगाड़ने का ही कारण बनेगा। महबूबा ने जमायत व अलगाववादियों की गिरफ्तारी पर एतराज जताते हुए कहा कि इससे हालात सुधरने के बजाय बिगड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आप लोगों को कैद कर सकते हैं, उनके विचारों को नहीं। इसके अलावा अलगाववादियों की गिरफ्तारी का कानूनी आधार क्या है। गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं : मीरवाइज
उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि इस कैकडाउन से कश्मीर में हालात और बिगड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं जमायत नेताओं और यासीन मलिक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं। इससे हालात और बिगड़ेंगे : सज्जाद लोन
प पुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि पहले भी इस तरह के कदम उठाए गए हैं, लेकिन उनका असर सही नहीं रहा। 1990 के दशक में भी बड़े पैमाने पर अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी हुई, उन्हें जोधपुर जेल ले जाया गया। इससे हालात बिगड़े। यह एक आजमाया हुआ तरीका है, जो नाकाम रहा था। इससे बचो, यह किसी काम का नहीं। इससे स्थिति और बिगड़ेगी।