श्रीनगर की 10 वार्ड इकाइयों के प्रधान और पदाधिकारियों का पीडीपी से इस्तीफा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। सोमवार को श्रीनगर में उसके दस वार्ड इकाइयों के प्रधान और अन्य पदाधिकारियों ने संगठन से नाता तोड़ने का एलान करते हुए अपने इस्तीफे महबूबा को भेज दिए हैं। सभी नेता पूर्व शिक्षा मंत्री सईद अल्ताफ बुखारी के समर्थक हैं। बुखारी को गत दिनों महबूबा ने संगठन विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। पिछले दो माह में पीपुल्स डेमोक्रेटिकि पार्टी के छह पूर्व विधायकों समेत कई नामी नेताओं ने पार्टी की सदस्यता को छोड़ दिया है।
सोमवार सुबह श्रीनगर के दस वार्डों के प्रधानों गुलाम अहमद डग्गा, मोहम्मद जमाल बट, गुलाम मोहम्मद राह, मोहम्मद अशरफ बट, मोहम्मद अब्बास बहादुर, अब्दुल क्यूम तेली, पीर वजाहत,शकील अहमद, मोहम्मद मकबूल डार और नजीर अहमद डार ने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया। इनके साथ संबंधित वार्ड इकाइयों के अन्य पदाधिकारियों ने महबूबा को अपने इस्तीफे भेज दिए हें। गत रविवार को पीडीपी के श्रीनगर में जोनल प्रधान अमीराकदल मोहम्मद अशरफ डार ने साथियों संग इस्तीफा दिया था। गुलाम अहमद डग्गा ने कहा कि 10 लोगों ने पीडीपी से इस्तीफा दिया है। संगठन में बने रहना हमारे लिए मुश्किल होता जा रहा था,क्योंकि अब यह आम अवाम की जमात न होकर कुछ खास लोगों की जमात बन चुकी है। महबूबा से भी कई बार हम मिले और हमने उन्हें कई बार बताया कि आम कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। उन्होंने हमेशा हमें नजर अंदाज किया। सभी नेता गत दिनों पीडीपी से निकाले गए पूर्व शिक्षा मंत्री सईद अल्ताफ बुखारी के समर्थक हैं। अल्ताफ बुखारी ने वर्ष 2014 में अमीराकदल विधानसभा क्षेत्र में नेशनल कांफ्रेंस के नेता नासिर असलम वानी को हराकर चुनाव जीता था। गत रविवार को अल्ताफ बुखारी ने अपने निवास पर अपने समर्थकों की एक बैठक भी बुलाई थी ताकि वह सभी के साथ विचार विमर्श के बाद अपना अगला सियासी कदम तय कर सकें।