जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में वीपीएन सर्विस 2 महीने के लिए सस्पेंड, क्या है मामला?
जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा कारणों से वीपीएन सेवाओं को दो महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि वीपीएन का इस्तेमाल राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए हो रहा था। इस निलंबन से इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को कुछ परेशानी हो सकती है।

राजौरी-पुंछ जिलों के अधिकारियों ने स्थिति सामान्य होने पर सेवाओं को बहाल करने का आश्वासन दिया है।
डिजिटल डेस्क, राजौरी। जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों के अधिकारियों ने एंटी-सोशल एलिमेंट्स द्वारा टेक्नोलॉजी के संभावित गैर-कानूनी कामों के लिए इस्तेमाल का हवाला देते हुए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सर्विस को दो महीने के लिए सस्पेंड करने का आदेश दिया है।
पुंछ रविवार को जम्मू डिवीज़न का दूसरा बॉर्डर ज़िला बन गया, जहां वीपीएन सर्विस सस्पेंड की गईं, इससे पहले राजौरी में पिछले दो दिनों में ऐसा ही आदेश जारी किया गया था।
पुंछ के जिला मजिस्ट्रेट अशोक कुमार शर्मा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के सेक्शन 163 के तहत तुरंत प्रभाव से वीपीएन सस्पेंड करने का आदेश दिया।
जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश में कहा, “एसएसपी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में जिले की अलग-अलग जगहों पर संदिग्ध इंटरनेट यूज़र्स द्वारा वीपीएन का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल हुआ है।”
वीपीएन ट्रैफिक एन्क्रिप्टेड होता है, एक पॉइंट-टू-पॉइंट टनल बनाता है, आइपी एड्रेस को मास्क करता है और वेबसाइट ब्लॉक और फायरवॉल को बायपास कर सकता है, जिससे सेंसिटिव डेटा साइबर अटैक के लिए वल्नरेबल हो जाता है।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, "मौजूदा हालात को देखते हुए दुश्मन वीपीएन सर्विस का इस्तेमाल डर का माहौल बनाने के लिए कर सकते हैं।"
यह आदेश सभी पर होगा लागू, उल्लंघन करने पर मिलेगी सजा
आदेश में आगे कहा गया है कि यह निर्देश जिले में काम करने वाले सभी लोगों, संस्थानों, साइबर कैफे और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर पर लागू होगा, और जो कोई भी इसका उल्लंघन करता पाया जाएगा, उसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत सज़ा दी जाएगी। डीसी पुंछ अशोक कुमार ने एसएसपी पुंछ को आदेश को पूरी तरह से लागू करने का निर्देश दिया है।
राजौरी में शुक्रवार को लागू हो गया था आदेश
वहीं राजौरी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अभिषेक शर्मा ने गत शुक्रवार को ही बॉर्डर जिले में सभी वीपीएन सर्विस को तुरंत दो महीने के लिए सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया था। जिसमें लोगों की सुरक्षा की चिंताओं और गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म के संभावित गलत इस्तेमाल का हवाला दिया गया। पुलिस से मिली जानकारी के बाद राजौरी का निर्देश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जारी किया गया था।
राजौरी एसएसपी गौरव सिकरवार ने जिला प्रशासन को भेजे अपने मैसेज में, अलग-अलग इलाकों में वीपीएन सर्विस के पहले कभी नहीं हुए और शक वाले इस्तेमाल की ओर इशारा किया। राजौरी में जिला मजिस्ट्रेट के आदेश में दोहराया गया कि वीपीएन, आइपी एड्रेस को छिपाकर, वेबसाइट ब्लॉक और फायरवॉल को बायपास करके, और एन्क्रिप्टेड डेटा भेजकर, बड़ी संख्या में शक वाले इंटरनेट यूज़र इस्तेमाल कर रहे थे।
एहतियात के तौर पर उठाया गया कदम
राजौरी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने कहा, "ऐसी एक्टिविटी का इस्तेमाल देश विरोधी मकसदों के लिए किया जा सकता है, जिसमें भड़काऊ कंटेंट फैलाना, पब्लिक ऑर्डर को नुकसान पहुंचाने वाली एक्टिविटी को कोऑर्डिनेट करना और साइबर सिक्योरिटी के लिए खतरा पैदा करना शामिल है।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सेंसिटिव जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।