शिप्रा नीरज ने कहा- रिटायरमेंट की नहीं सोचते, अब दूसरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करेंगे
जम्मू कश्मीर के दौरे पर आईं शिप्रा नीरज ने जम्मू सांबा कठुआ रामबन बड़गाम बांदीपोरा कुपवाड़ा राजौरी आदि जिलों में महिलाओं के उत्थान की संभावनाएं तलाशीं। उन्होंने कहा कि वह कभी रिटायरमेंट की नहीं सोचतीं अब वह लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करेंगी।
राजौरी, जागरण संवाददाता : जम्मू कश्मीर के बदले हालात का असर है कि हर दिन यहां निवेश और रोजगार के नए-नए अवसर सामने आने लगे हैं। प्रदेश का माहौल बदलने के बाद अब डायरेक्ट सेलिंग आर्गेनाइजेशन क्यूनेट (QNET) सेक्टर की नामचीन हस्ती शिप्रा नीरज ने भी यहां की महिलाओं की जिंदगी बेहतर करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करने का मन बनाया है।
जम्मू कश्मीर के दौरे पर आईं शिप्रा ने जम्मू, सांबा, कठुआ, रामबन, बड़गाम, किश्तवाड़, बांदीपोरा, कुपवाड़ा, राजौरी आदि जिलों में महिलाओं के उत्थान की संभावनाएं तलाशीं। वह फिर से जम्मू कश्मीर के दौरे पर आएंगी और विजन शेयर करेंगी। उन्होंने कहा कि वह कभी रिटायरमेंट की नहीं सोचतीं, अब वह लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करेंगी।
2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में महिला आबादी करीब 59 लाख है और महिला साक्षरता दर 56.43 प्रतिशत है। लेकिन जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी उतनी बेहतर नहीं है, जितनी होनी चाहिए। इसलिए यहां महिलाओं को सशक्ती और आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिप्रा नीरज यहां काम करने पर विचार कर रही हैं। क्योंकि जम्मू कश्मीर ही नहीं हर जगह बेरोजगारी बड़ी समस्या है। कुछ लोग अपने बलबूते मुकाम पा रहे हैं और हजारों लोगों को सहारा देने में लगे हैं। ऐसा ही काम शिप्रा भी कर रही हैं। अब वह कश्मीर और जम्मू में महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए काम करेंगी।
बता दें कि शिप्रा नीरज क्यूनेट सेक्टर में किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। अपने काम के दम पर वह महिलाओं के लिए प्रेणना बन चुकी हैं। हालांकि उनकी शुरुआत इतनी सरल नहीं थी। शिप्रा ने शुरुआती सफर बुटीक से शुरू की और इसी के तहत उन्होंने इंडियन फैशन हाउस सत्य पॉल का हिस्सा बनकर खुद की एक अलग पहचान बनाई है। शिप्रा की जिंदगी शादी के बाद बिलकुल बदल गई। आगे बढ़ने की चाहत बनी रही। उन्हें इसी दौरान क्यूनेट (QNET) के बारे में पता चला। बैंगलोर में इन्होंने इंफोसिस ज्वाइन करने के बाद क्यूनेट में हाथ आजमाया।
इस अनुभव के साथ उन्हें फेमस इंडियन डिजाइनर सत्य पॉल के साथ काम करने का मौका मिला। वो चाहती है कि क्यों नहीं ऐसा ही मौका जम्मू कश्मीर की महिलाओं को भी मिले। इसलिए लिए यहां महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें विजन दिया जाएगा। बिजनेस के तरीके बताए जाएंगे। इस प्रयास से काफी महिलाएं सफल हो सकती हैं।
182 बिलियन डालर के डायरेक्ट सेलिंग मार्केट में शिप्रा की पहचान : शिप्रा नीरज ने मेहनत के दम पर एक मुकाम हासिल की है। दुनिया भर में 182 बिलियन डालर के डायरेक्ट सेलिंग मार्केट में शिप्रा को एक नई पहचान मिली। बता दें कि यह इंडस्ट्री पहले से ही भारत में एक बिलियन डालर बिजनेस कर रही थी। शिप्रा ने बताया कि मैं गर्व से कह सकती हूं कि मेरा बिजनेस इतना सफल और आत्मनिर्भर है कि अगर मैं जब भी चाहूं रिटायर हो सकती हूं। लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगी। क्योंकि मैंने बहुत मुश्किल से सब हासिल किया है। अब पैसा कमाना नहीं मेरा मकसद लोगों के निर्माण और उन्हें सशक्त बनाना है।