श्रवण कुमार की अंधे माता-पिता की सेवा ने किया भाव-विभोर
नवरात्र के पावन अवसर पर श्री महाकालेश्वर रामलीला क्लब कालाकोट के सदस्यों व कलाकारों द्वारा रामलीला का शुभारंभ शनिवार शाम किया गया।
संवाद सहयोगी, कालाकोट : नवरात्र के पावन अवसर पर श्री महाकालेश्वर रामलीला क्लब कालाकोट के सदस्यों व कलाकारों द्वारा रामलीला का शुभारंभ शनिवार शाम किया गया। रामलीला शुरू होने से लोगों में उत्साह है। रामलीला के अध्यक्ष कमल सूरी के अलावा एडीसी कालाकोट कृष्ण लाल, तहसीलदार राकेश कुमार, थाना प्रभारी चौधरी अमीन म्यूनिसिपल कमेटी के अध्यक्ष विजय सूरी आदि उपस्थित रहे। पहले दिन अंधे माता-पिता की श्रवण कुमार द्वारा सेवा के मंचन ने लोगों को काफी प्रभावित किया।
एडीसी कृष्ण लाल द्वारा रामलीला के उद्घाटन के बाद क्लब के अध्यक्ष कमल सूरी ने अतिथियों का स्वागत किया। एडीसी कृष्ण लाल ने रामलीला क्लब की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमें रामलीला, रामायण से सीख लेकर प्रभु राम के बताए आदर्श पर चलना चाहिए। राम माता-पिता के वचनों का मान रखते हुए राजपाट, महलों का सुख त्याग कर 14 वर्ष के लिए वनवास को चले गए।
उन्होंने प्रभु राम के भाइयों की भी मिसाल दी। कहा कि राम के साथ उनके भाई लक्ष्मण भी सेवा की खातिर वन चले गए, भाई भरत ने सिंहासन ठुकरा दिया। तहसीलदार राकेश कुमार ने कहा कि आज के युग में प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को उजागर करने में क्लब की भूमिका सराहनीय है। कलाकारों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि पिछले चार दशक से कालाकोट क्षेत्र में चली आ रही रामलीला कलाकारों की मेहनत और लगन का नतीजा है।
शनिवार रात रामलीला में राजा दशरथ का दरबार, श्रवण कुमार का अपने अंधे माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले जाना, श्रवण कुमार द्वारा माता-पिता की प्यास बुझाने को पानी लेने जाना, राजा दशरथ द्वारा शब्दभेदी वाण चलाने में श्रवण कुमार के मारे जाने के जीवंत मंचन ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।