राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बलिदानी औरंगजेब के माता पिता को दिया शौर्य चक्र, फर्ज निभाते हुए दी थी अपनी जान
14 जून 2018 को ईद मनाने के लिए कश्मीर के पुलवामा से अपने घर सलानी मेंढर आ रहे सेना की 44 आरआर के जांबाज सिपाही औरंगजेब को आतंकियों ने अगवा करने के बाद उन्हें बलिदान कर दिया था। जिसके बाद सेना ने शौर्य चक्र देने की घोषणा की थी।
राजौरी, जागरण संवाददाता : 14 जून 2018 को ईद मनाने के लिए कश्मीर के पुलवामा से अपने घर सलानी मेंढर आ रहे सेना की 44 आरआर के जांबाज सिपाही औरंगजेब को आतंकियों ने अगवा करने के बाद उन्हें बलिदान कर दिया था। जिसके बाद सेना ने शौर्य चक्र देने की घोषणा की थी।
मंगलवार शाम को राष्ट्रपति भवन दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। बलिदान सिपाही औरंगजेब के माता व पिता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शौर्य चक्र प्राप्त किया।
औरंगजेब का किया था अपहरण
औरंगजेब कश्मीर घाटी में आतंकियों के सफाए के लिए चलाए गए अभियान में काफी अहम भूमिका निभा रहा था, यहीं बात आतंकियों को रास नहीं आई और 14 जून 2018 को यह अपने शिविर से ईद मनाने के लिए निकला, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही आतंकियों ने इसका अपहरण कर लिया और उसके बाद इसे बलिदान कर दिया।
गांव के युवा बदला लेने के लिए हो गए थे उतारू
इसके बाद गांव के लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला और गांव के कई युवा जो अरब देशों में काम करने के लिए गए वह भी वापस लौट आए और औरंगजेब के बलिदान का बदला लेने की तैयारी करने लगे। उस समय सेना प्रमुख के साथ साथ रक्षा मंत्री भी बलिदान औरंगजेब के गांव में पहुंचे और परिवार के सदस्यों से मिलकर अपनी संवेदना प्रकट की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने औरंगजेब के माता व पिता को शौर्य चक्र भेंट किया
2019 में सेना ने बलिदानी औरंगजेब को मरणोपरांत शौर्य चक्र देने की घोषणा की। मंगलवार को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने औरंगजेब के माता व पिता को शौर्य चक्र भेंट किया।
पिता ने कहा मेरा बेटा बहादुर था
बलिदानी सिपाही औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ ने कहा कि मेरा बेटा बहादुर था आतंकी उसके नाम से कांप जाते थे, लेकिन धोखे से आतंकियों ने मेरे बेटे को बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा कि औरंगजेब के बलिदान के बाद मेरे दो बेटे देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हो चुके है और मेरा बड़ा बेटा में सेना में रहकर देश सेवा कर रहा है। मैं भी सेना से रह कर देश सेवा कर चुका है। जो सम्मान दिया गया है यह हमारे लिए गर्व की बात है हमारा पूरा परिवार देश के लिए किसी भी समय अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार है।