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पशुओं में कोरोना की तरह है लंपी, हर दिन मर रहे पशु, पशुपालकों ने कहा- जल्द शुरू हो टीकाकरण

हर दिन किसी न किसी क्षेत्र में मवेशी की मौत हो रही है लेकिन इस संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई कारगर उपाय नहीं सूझ रहा है। पशुपालन विभाग भी एक तरह से बेबस है। पशुपालकों ने कहा कि लंबी पशुओं के लिए कोरोना वायरस की तरह खतरनाक है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 03:20 PM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 03:20 PM (IST)
पशुओं में कोरोना की तरह है लंपी, हर दिन मर रहे पशु, पशुपालकों ने कहा- जल्द शुरू हो टीकाकरण
सिर्फ जागरूकता से बात नहीं बनेगी। जल्द से जल्द टीकाकरण और निश्शुल्क दवा देने का प्रबंध सरकार को करना चाहिए।

सुंदरबनी, अंकुश शर्मा : लंपी वायरस के संक्रमण से पशुओं में होने वाले लंपी चर्म रोग (एलएसडी) ने पशुपालकों में हाहाकार मचा रखा है। उपजिला सुंदरबनी में बहुत तेजी से पशुओं में यह संक्रमण फैल रहा है। हर दिन किसी न किसी क्षेत्र में मवेशी की मौत हो रही है, लेकिन इस संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई कारगर उपाय नहीं सूझ रहा है। पशुपालन विभाग भी एक तरह से बेबस है। पशुपालकों ने कहा कि लंबी पशुओं के लिए कोरोना वायरस की तरह खतरनाक है। इसलिए सिर्फ जागरूकता से बात नहीं बनेगी। जल्द से जल्द टीकाकरण और निश्शुल्क दवा देने का प्रबंध सरकार को करना चाहिए।

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पंचायत ताला टांडा में तीन गायों की मौत हो चुकी है। जबकि सैकड़ों पशु इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। ताला टांडा पंचायत के सरपंच मोहन सिंह, पूर्व सरपंच कृष्ण लाल और पंच सुनील कुमार ने बताया कि लंपी का कहर हर गांव में टूट रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा हर दिन दर्जनों जागरूकता शिविरों का आयोजन कर इस वायरस को रोकने के लिए जागरूक किया जा रहा है। मोहन सिंह ने बताया कि इस बीमारी से गोवंश को बुखार आने के साथ ही आंख और नाक से पानी गिरने लगता है। पैरों में सूजन व शरीर पर धब्बे बन जाते हैं। उप जिले की तहसील बैरीपतन, सुदरबनी व सयोट में हर दिन दर्जनों मवेशियों की इस संक्रमण से मौत हो रही है।

लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन लगातार बढ़ती बीमारी को रोकने में पशुपालन विभाग पूरी तरह से फेल हो चुका है। सिर्फ जागरूकता शिविर आयोजन करने से कुछ नहीं होगा। अभी तक पशुओं को वैक्सीनेशन लगाने का काम शुरू नहीं किया गया है। पशुओं के इस महामारी के लिए पशुपालकों को मुफ्त में दवाएं भी देनी चाहिए। महंगी दवाइयां निजी मेडिकल स्टोरों से खरीदना हर पशुपालक के लिए मुश्किल हो रहा है।

वे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से विशेष टीमों का गठन कर निश्शुल्क दवाएं बांटने और वैक्सीनेशन करने की मांग की है। बता दें कि राजौरी जिले के विभिन्न तहसीलों में पशळ् तेजी से संक्रमि हो रहे हैं। इससे लोगों में डर यह सताने लगा कि संक्रमित पशुओं के दूध का सेवन करने से मनळ्ष्य में भी यह संक्रमण फैल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है।

दूध मनुष्य के लिए नुकसानदायक नहीं : पशुपालन विभाग के जिला अधिकारी डा. माजिद ने कहा कि अफवाहों से बचें। लंपी पीड़ित पशुओं का दूध उबाल कर उपयोग में लाया जा सकता है। उसका दूध मनुष्य के लिए नुकसानदायक नहीं है। अभी तक एक भी केस ऐसा सामने नहीं आया, जिससे यह पुष्टि होती हो कि यह बीमारी पशुओं से मनुष्य को लगती है। पशुपालकों व डेयरी उत्पादकों से भी अपील है कि वह अपने पीड़ित पशुओं का पूरा ध्यान रखें।

पशळ्ओं को बचाने को देसी नुस्खे अपना रहे कई पशुपालक : पशुपालक जसपाल ने कहा कि उनकी दो गायें लंपी वायरस की चपेट में आ गई हैं। दूध और गायों का वजन कम हुआ है। सफाई रखने के अलावा कुछ देसी नुस्खे का इस्तेमाल कर रहे हैं। पशुपालन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा अभी तक कोई मदद नहीं की गई है। महंगी दवाइयां बाजार से खरीद कर पशुओं का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीसी राजौरी पशुओं के इलाज के लिए डाक्टरों की टीम का गठन कर क्षेत्र में मुफ्त में दवाइयां पशुपालकों को दी जाए।

संक्रमण फैलने से कैसे रोकें : पशुपालन विभाग के जिला अधिकारी डा. माजिद ने बताया कि लंबी बीमारी से संक्रमित पशु को स्वस्थ पशुओं से तुरंत दूर कर दें। मच्छर और मक्खियों से पशुओं को बचाएं। पशु के बीमार होने पर जल्द से जल्द डाक्टर से संपर्क करें। बुखार की स्थिति में दवा का उपयोग करें। सामूहिक चराई के लिए पशुओं को एक साथ नाछोड़ें। विभाग द्वारा जगह-जगह शिविर लगाकर पशुपालकों को संक्रमण रोकने के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

क्या हैं बीमारी के संकेत : लंबी वायरस का संक्रमण होने पर पशु को तेज बुखार आ जाता है। आंख एवं नाक से पानी बहने लगता है। पशुओं के पैरों में सूजन और पूरे शरीर पर गांठ होने लगता है। दूध कम हो जाता है और पशु खाना-पीना छोड़ देता है।

तहसील स्योट में भी लंपी से दर्जनों पशुओं की मौत हो चुकी है और सैकड़ों बीमार हैं। पशुपालन विभाग द्वारा जागरूक शिविरों का आयोजन कर लोगों को अधिक से अधिक इस संक्रमण को रोकने के लिए जागरूक किया जा रहा है। लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। उपराज्यपाल कुछ मजबूत पहल करें।

- अनिल खजूरिया, भाजपा नेता व जिला संयोजक

प्रशासन व पशुपालन विभाग पशुपालकों को कोई राहत नहीं पहुंचा रहा है। अभी तक पंचायत में सात से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। सरकार किसानों, मजदूरों एवं पशुपालकों को लेकर गंभीर नहीं दिख रही। उपराज्यपाल पशुपालकों को मुफ्त दवाइयां बंटवाना और पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित करें।

- अनिल कुमार, सरपंच, मीडिल कांगड़ी

सीमावर्ती क्षेत्र की तहसील बैरीपतन की अपर कांगड़ी पंचायत में सैकड़ों पशु लंपी स्किन डिजीज बीमारी से ग्रस्त हैं। यहां छह से अधिक दुधारु पशुओं की मौत हो चुकी है। पहले कोरोना फिर मक्की फसल में फाल आर्मी कीटों का प्रहार, भारी वर्षा व आंधी की तबाही के बाद अब लंपी से पशुपालकों की कमर टूट रही है।

- रुकमेष कुमारी, सरपंच, अपर कांगड़ी


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