भागवत कथा बहती गंगा के समान
संवाद सहयोगी नौशहरा प्रभु की कथा बहती हुई गंगा के समान है जिसमें डुबकी लगा कर इंसा
By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:05 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 06:35 AM (IST)
संवाद सहयोगी, नौशहरा : प्रभु की कथा बहती हुई गंगा के समान है, जिसमें डुबकी लगा कर इंसान के जन्मों-जन्मों के पाप समाप्त हो जाते हैं। भारतीय संस्कृति में ईश्वर की महिमा अपरंपार है
यह बात श्री रघुनाथ मंदिर में सनातन धर्म सभा नौशहरा द्वारा श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पहले दिन दिव्य ज्योति जागृति संस्था श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी भद्रा भारती ने कही। महोत्सव आठ दिन तक चलेगा।
साध्वी जी ने कहा कि राजा परीक्षित के समक्ष देवों ने पावन कथा के बदले अमृत देने का प्रस्ताव रखा तब राजा परीक्षित ने प्रभु की पावन कथा को ही महत्व दिया क्योंकि देव लोक का अमृत पान करने से तो केवल अमरता प्राप्त की जा सकती है। परन्तु ईश्वर की भक्ति इंसान को ईश्वर से मिलाप करवाती है।
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