नदी में गंदगी कचरा डालने पर भूखहड़ताल, प्रशासन ने दिया आश्वासन
जागरण संवाददाता राजौरी शहर के पर्यावरण को सुरक्षित रखने में विफल रहने पर राजौरी क
जागरण संवाददाता, राजौरी : शहर के पर्यावरण को सुरक्षित रखने में विफल रहने पर राजौरी के विभिन्न विभागों के खिलाफ शुक्रवार को एक अभियान शुरू किया गया। लोगों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इसकी अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता सुशील कुमार बजरंगी ने की।
सुशील ने कहा कि मैं किसी सरकारी व निजी कर्मी के खिलाफ नहीं हूं। मेरा मकसद राजौरी शहर से गुजरने वाली नदी व नालों को दूषित होने से बचाना है। साथ ही कहा कि प्रशासन आंखें मूंद कर सोया है, जिसे अब जगना होगा। पर्यावरण को बचना हम सब का फर्ज है। वहीं, भूख हड़ताल की सूचना मिलते ही तहसीलदार, नगर परिषद राजौरी के अध्यक्ष आरिफ जट्ट व अन्य अधिकारी धरना स्थल पर सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे और आश्वासन दिया कि राजौरी को कचरा मुक्त बनाने पर काम हो रहा है। आला अधिकारियों को लिख रखा है। आप तीन माह का समय दें और तहसीलदार व नगर परिषद अध्यक्षन ने पूरे आश्वासन के साथ पानी पिलाकर भूख हड़ताल से उठने के लिए राजी किया।
सुशील कुमार, बजरंगी, अनिल आदि ने कहा कि हाल के वर्षो में राजौरी शहर एक ऐसी समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में कोई बात नहीं कर रहा है। जब कोई राजौरी शहर में प्रवेश करता है, तो पहला स्थान सलानी नदी के किनारे का होता है, लेकिन हाल के वर्षो में इस नदी के किनारे कचरा डंपिग साइट बना दिया गया है। इससे इसके पास की नदियां दूषित हो रही हैं। मुर्गे, अन्य जानवरों को मारकर जो गंदगी निकलती है, उसे भी नदी में डाल दिया जाता है। शहर की अन्य गंदगी विभाग के कर्मियों द्वारा सलानी नदी व सीईओ आफिस के पास डाल दी जाती है। नदी का पानी लोग पेयजल के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन लोगों को क्या पता कि प्रशासन के सामने बीमारियां दी जा रही हैं।