शहीद डीएसपी घनश्याम खजूरिया के नाम हुआ डिग्री कालेज डूंगी
जागरण संवाददाता राजौरी देश की सुरक्षा के लिए शहीद के असाधारण बलिदान के सम्मान और स्व
जागरण संवाददाता, राजौरी : देश की सुरक्षा के लिए शहीद के असाधारण बलिदान के सम्मान और स्वीकृति के प्रतीक के रूप में जिला प्रशासन राजौरी ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत में मंगलवार को शहीद डीएसपी घनश्याम खजूरिया के नाम पर सरकारी डिग्री कालेज डूंगी का नाम कर दिया।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने भारतीय सेना के जवानों, सीआरपीएफ और देश के लिए अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए पुलिस कर्मियों के नाम पर चिन्हित सरकारी स्कूलों, कालेजों, सड़कों व इमारतों सहित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का नाम रखने का फैसला किया है। डिग्री कालेज डूंगी का नाम शहीद घनश्याम गवर्नमेंट डिग्री कालेज डूंगी रखा गया है, जिन्होंने कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए बलिदान दिया था।
शहीद डीएसपी घनश्याम खजूरिया का जन्म 26 नवंबर 1960 को डूंगी ब्लाक के गांव सवानी में हुआ था। उन्हें 1990 में पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। 1996 में इंस्पेक्टर और वर्ष 1997 में डीएसपी के रूप में पदोन्नत किया गया। 27 दिसंबर 1999 को श्रीनगर के कारगों कांप्लेक्स में आतंकियों से लड़ते हुए उनकी शहादत हो गई। उन्होंने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्हें उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दो पुरस्कार मिले, जिनमें वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और महानिदेशक प्रशस्ति पदक शामिल हैं।
नामकरण समारोह जीडीसी डूंगी में आयोजित किया गया, जहां जिला उपायुक्त राजौरी राजेश कुमार शवन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कालेज के प्रिसिपल डा. शमीम आजाद ने औपचारिक स्वागत भाषण दिया और कालेज की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। जिला उपायुक्त ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करते हुए शहादत प्राप्त करने वाले राष्ट्रीय वीर को पुष्पांजलि अर्पित की।
अन्य लोगों में डीडीसी सदस्य डूंगी खालिद हुसैन, बीडीसी अध्यक्ष डूंगी रायज चौधरी, एएसपी विवेक शेखर, प्रिसिपल जीडीसी डूंगी शमीम आजाद, जीएम डीआइसी मंजूर हुसैन, डीएसईओ बिलाल राशिद मीर, सीएसएचओ डा. सरफराज नसीम चौधरी, तहसीलदार राजौरी जावेद अहमद के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे। नामकरण समारोह के दौरान डीएसपी घनश्याम खजूरिया के परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे।
समारोह में हर क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। शहीदों के परिवार सहित पत्नी, पुत्र और भाई को सम्मान के प्रतीक के रूप में फूल, शाल भेंट की गई। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए जिला उपायुक्त ने कहा कि शहीदों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सम्मान के रूप में सरकारी संस्थानों का नाम रखने के लिए यूटी सरकार द्वारा यह उत्साहजनक पहल है।