राजौरी पुंछ दोनों जिलों में फिर से आतंकवाद को जीवित करने की साजिश
जागरण संवाददाता राजौरी राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में आतंकवाद लगभग खत्म सा हो चुका था ल
जागरण संवाददाता, राजौरी : राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में आतंकवाद लगभग खत्म सा हो चुका था, लेकिन यह बात सीमा पार बैठे आतंकी संगठनों के सरगनाओं व पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को रास नहीं आ रहा है। दोनों सीमावर्ती जिलों में फिर से आतंकवाद को जीवित करने के लिए साजिश रची जाने लगी है। यह साजिशें आने वाले समय में किसी बड़ी आतंकी वारदात की गवाह बन सकती है, इस लिए सुरक्षा एजेंसियों व सुरक्षा बलों को एक्टिव रह कर कार्य करना होगा, नहीं तो किसी भी समय कोई बड़ी वारदात घट जाएगी और फिर सांप गुजर जाने के बाद लकीर पिटते रह जाएंगे।
वीरवार की देर शाम को आतंकवादियों या फिर उनके लिए कार्य करने वाले ओजीडब्ल्यू ने पुलिस के वाहन को निशाना बनाकर ग्रेनेड दाग दिया, लेकिन यह ग्रेनेड फटा नहीं, अगर यह ग्रेनेड फट जाता तो बड़ा नुकसान हो सकता था, लेकिन जिसने भी ग्रेनेड दागा उसने ग्रेनेड का पिन ही नहीं खोला जिस कारण से यह ग्रेनेड नहीं फटा। जिससे यह बात साफ हो रही है कि ग्रेनेड दागने वाले को इसका पूरा प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। अगर यह ग्रेनेड फट जाता तो क्षेत्र में दहशत का माहौल बन जाता और एक बार फिर से आतंकी सक्रिय हो सकते।
इसी तरह से कुछ समय पहले राजौरी शहर के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे जो सीमा पार से ड्रोन की मदद से यहां तक पहुंचाए गए थे। इसके अलावा भी कई बार दोनों जिलों से हथियार बरामद हो चुके है। जो अच्दा संकेत नहीं दे रहे है। क्योंकि सीमा पार से लगातार यह साजिश रची जा रही है कि राजौरी व पुंछ दोनों जिलों को फिर से आतंक की आग में जलाया जाए।
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