कश्मीर में छह माह बिता मवेशियों के साथ लौटे बक्करवाल
संवाद सहयोगी कालाकोट मौसम सर्द होते ही खानाबदोश बक्करवाल समुदाय के लोग अपने मवेशियों के
संवाद सहयोगी, कालाकोट : मौसम सर्द होते ही खानाबदोश बक्करवाल समुदाय के लोग अपने मवेशियों के साथ कश्मीर घाटी से लौटकर कालाकोट क्षेत्र में अपने निवास स्थानों की ओर बढ़ रहे हैं। खानाबदोश बक्करवाल समुदाय के लोगों ने बताया कि गर्मी में छह माह के लिए अपने मवेशियों को साथ लेकर कश्मीर घाटी में ढोक में चले जाते हैं। फिर सर्दी शुरू होते ही अक्टूबर महीने में पुन: वापस लौटना शुरू हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि गर्मी में हमारे मवेशी भेड, बकरी गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाते। हमें मजबूरन मवेशियों को लेकर कश्मीर घाटी में पहाड़ों के ठंडे स्थानों पर पनाह लेनी पड़ती है। गर्मी खत्म होते ही सर्दियों में पुन: वापस लौट कर आना पड़ता है। इसका कारण है कि सर्दियों में कश्मीर में बर्फबारी भी परेशानी बढ़ाती है। इसलिए सर्दियों में हम अपनी भेड़, बकरियों को साथ लेकर लौट आते हैं। गौरतलब है कि कालाकोट क्षेत्र में काफी संख्या में खानाबदोश बक्करवाल समुदाय के लोग भेड़, बकरी पालन पर निर्भर हैं। वह इस समय सर्दी शुरू होते ही अपने मवेशियों के साथ कश्मीर घाटी से लौट कर आना शुरू हो चुके हैं। प्रदर्शन कर मांगा मनरेगा कार्यो का भुगतान
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : मनरेगा के तहत गांवों में कराए गए कार्यो का भुगतान आज तक नहीं होने से लोगों में रोष है। सोमवार को प्रदर्शन कर लोगों ने भुगतान की मांग की। पंचायत ब्लाक चनैनी क्षेत्र के वरिष्ठ नेता जगदेव सिंह जग्गा ने कुसार के उप सरपंच, मास्टर नंदलाल की मौजूदगी में ग्रामीण विकास विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान कई गांवों के लोगों ने भाग लिया। लोगों ने मांगों को पूरी कराने के लिए शुरू की गई मुहिम में जगदेव सिंह जग्गा को समर्थन किया।
स्थानीय नेता जग्गा ने कहा यह हमारी मुहिम रुकने वाली नहीं है। आने वाले दिनों में हम उग्र प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएंगे। इसलिए सरकार से आग्रह है कि जल्द से जल्द गरीब लोगों का भुगतान जारी किया जाए। गरीबों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमेशा गरीब लोगों के साथ खड़े रहेंग। उनका भुगतान जारी कराकर ही रहेंगे।