समस्याओं में घिरा है है राजौरी फायर स्टेशन
जागरण संवाददाता राजौरी दमकल विभाग के कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर आग पर काबू
जागरण संवाददाता, राजौरी : दमकल विभाग के कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर आग पर काबू पाते हैं, लेकिन न तो इनकी समस्याओं को दूर किया जा रहा है और न ही नई फायर स्टेशन बनाए जा रहे है। आलम यह है कि राजौरी से फायर टेंडर यानी दमकल वाहन अस्सी किलोमीटर की दूरी तय करके आग बुझाने के लिए जाता है, लेकिन तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है।
जिले में मात्र तीन ही फायर स्टेशन है, जिनमें वाहन चालकों की कमी से लेकर अन्य कर्मचारियों की कमी भी बनी हुई है। कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए भी कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। इस वजह से कर्मचारियों को एक से अधिक कर्मचारी का कार्य करना पड़ रहा है। दमकल विभाग के अधिकारी एक बार नहीं कई बार नए फायर स्टेशन खोलने व कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए उच्चाधिकारियों के साथ-साथ सरकार को भी लिख चुके है, लेकिन अभी तक इस समस्या को दूर करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। बाक्स--
जिले में मात्र तीन ही दमकल स्टेशन
जिले में मात्र दमकल के तीन स्टेशन है एक स्टेशन राजौरी, नौशहरा व कालाकोट में है, जबकि यहां से दमकल वाहनों में आग पर काबू पाने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है। बाक्स--
फायर स्टेशन की इन जगहों पर है जरुरत
जिले की थन्ना मंडी तहसील, दरहाल तहसील, कोटरंका तहसील, मंजाकोट तहसील, सुंदरबनी तहसील में दमकल स्टेशन नहीं है। जबकि इन क्षेत्रों में अन्य स्टेशनों से दमकल वाहनों को आग पर काबू पाने के लिए भेजा जाता है। बाक्स---
लोग करते है बिना किसी कारण से परेशान
फायर स्टेशन में टोल फ्री फोन लगा हुआ है। लोग दिनभर कर्मचारियों को तंग करने के लिए फोन करते है। दमकल के अधिकारियों का कहना है लोग फोन करके झूठी खबर दे देते है और जब हमारे वाहन मौके पर पहुंचते है तो वहां पर कुछ भी नहीं होता है। इसके साथ फोन करके गालियां भी निकालते है। हमने पुलिस को सभी की सूची दी है, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। बाक्स---
उच्चाधिकारियों को करवाया गया है समस्याओं से अवगत
कई बार नए फायर स्टेशन खोलने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया है, लेकिन इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अस्सी किलोमीटर दूर आग पर काबू पाने को जब हम लोग पहुंचते है तो लोगों का काफी नुकसान हो चुका होता है। लोग कहते है कि दमकल कर्मी देरी से आए। पहाड़ी क्षेत्र में अस्सी किलोमीटर दूर जाने में भी दो घंटे का समय लग जाता है। अगर अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में फायर स्टेशन खुल जाए तो समय रहते आग की घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है।
मकबूल हुसैन, दमकल प्रभारी, राजौरी।
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