आठ दिन से जम्मू-पुंछ हाईवे पर फंसे हैं बड़े ट्रक
जागरण संवाददाता पुंछ जिले के उपजिला मेंढर के भाटाधुलियां में चल रहे आतंकरोधी अभियान क
जागरण संवाददाता, पुंछ : जिले के उपजिला मेंढर के भाटाधुलियां में चल रहे आतंकरोधी अभियान के कारण जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से बड़े माल वाहक वाहन आठ दिन से फंसे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग जम्मू और राजौरी को पुंछ जिले से जोड़ता है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग 144ए कहा जाता है। भाटाधुलियां गांव के नाड़ कस्स के जंगलों में चल रहे आतंकरोधी अभियान के कारण जड़ा वाली गली और भिंबर गली के बीच मार्ग को बंद कर दिया गया है। पिछले सप्ताह वीरवार की शाम घने जंगल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के बाद यह आपरेशन शुरू किया गया था और पिछले आठ दिनों से हाईवे बंद है। इस बीच इस हाईवे के बंद होने से कई भारी मालवाहक वाहन बीच में फंस गए हैं।
हालांकि पुंछ जिला मुख्यालय की ओर यातायात को मेंढर-हरनी रोड से डायवर्ट कर दिया गया है, लेकिन इस सिंगल लेन वैकल्पिक सड़क पर बड़े मालवाहक वाहन नहीं चल सकते हैं। ऐसे में कई वाहन जो राष्ट्रीय राजमार्ग से पुंछ जिला मुख्यालय तक पहुंच सकते हैं, बीच में फंस गए हैं। ऐसे दर्जनों वाहन राजौरी शहर और भिंबर गली, मंजाकोट के बीच राजमार्ग के किनारे खड़े देखे जा सकते हैं।
14 टायर ट्रक का ड्राइवर मणि राम पिछले पांच दिनों से मंजाकोट के डेरी रेलयोट में फंसा हुआ है। उसके वाहन में फर्श की टाइलें लदी हैं। उसने कहा कि पिछले पांच दिनों से हम इस राजमार्ग पर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उसने खुद को राजस्थान का निवासी बताया। उसने कहा कि मेरा ट्रक टाइलों से भरा हुआ है। वाहन को रास्ते में नहीं छोड़ा जा सकता है। ऐसी परिस्थितियों में उसके पास ट्रक में दिन और रात बिताने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
उसने कहा कि सरकार द्वारा चालकों के लिए मूलभूत आवश्यक वस्तुओं की कोई व्यवस्था नहीं है और वे स्वयं सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था कर रहे हैं। हालांकि हम सुविधाओं का प्रबंधन कर रहे हैं, लेकिन हमारी कठिनाई को कोई भी समझ सकता है।
एक अन्य ट्रक चालक नूर मुहम्मद ने बताया कि उसके ट्रक में मिठाई और चिप्स लदे हैं। वह पिछले छह दिनों से राजमार्ग के किनारे अपना जीवन बिता रहा है। वाहन चालकों ने सरकारी अधिकारियों से उन्हें राजमार्ग के माध्यम से सुरक्षित मार्ग प्रदान करने की अपील की, ताकि वे अपने गंतव्य तक पहुंच सकें और ट्रक खाली कर वापस अपने ठिकाने तक पहुंच सकें।