एमबीबीएस सीट विवाद पर फिर बोले सीएम उमर, 'NEET में नंबर लाने वाले छात्रों को उनके धर्म के लिए सजा नहीं दी जा सकती'
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एमबीबीएस सीटों के आवंटन पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि NEET में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्रों क ...और पढ़ें

उमर ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था और योग्यता को प्राथमिकता देने की बात कही थी।
डिजिटल डेस्क, पुंछ। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट बटवारे को लेकर चल रहे विवाद पर एक बार फिर दोहराया कि धर्म के आधार पर सीट बांटने की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि NEET भी यह जानता है कि धर्म के आधार पर सीटें नहीं बांटी जा सकतीं।
अपने पुंछ दौरे के दौरान उमर अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "NEET में नंबर लाने वाले स्टूडेंट्स को उनके धर्म के लिए सजा नहीं दी जा सकती। न तो कानून और न ही संविधान इसकी इजाजत देता है।"
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई संस्था धर्म के आधार पर सीट रिज़र्वेशन चाहती है तो उसे पहले सरकारी ग्रांट लेना बंद करना होगा। यही नहीं उसे दी गई जमीन की कीमत का भी भुगतान करना होगा। अपने कानूनों में बदलाव करना होगा।
बॉर्डर की सड़कों की हालत पर जताई चिंता
एक पत्रकार का घर गिराए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह कार्रवाई उनकी सरकार के निर्देशों पर नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने यह कार्रवाई करने वाले ऑफिसर को नियुक्त किया, उनसे यहां आने पर पूछना चाहिए।"
बॉर्डर की सड़कों की बिगड़ती हालत पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चल रहे चौड़ीकरण, फोर-लेनिंग और टनल प्रोजेक्ट्स ने मौजूदा हिस्सों को खराब कर दिया है, जिनका ठीक से रखरखाव नहीं हो रहा है। उन्होंने खुद श्रीनगर से मुगल रोड, बफलियाज, पुंछ और राजौरी तक सड़कों की हालत का रिव्यू किया है।
सड़कों की हालत सुधारने पर रक्षा मंत्री से करेंगे बात
उन्होंने कहा, "सड़कों की हालत इसलिए खराब नहीं है क्योंकि काम नहीं हो रहा है - यह इसलिए खराब है क्योंकि काम हो रहा है। टनल और फोर-लेन प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, लेकिन मौजूदा हिस्सों का कम से कम रखरखाव तो किया जाना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि वह भारत सरकार और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक विस्तृत रिपोर्ट देंगे, क्योंकि सड़कें बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन के अंडर आती हैं।
सबके लिए अलग-अलग बंकर बनाना असंभव
उन्होंने कहा, "मैं राजनाथ सिंह जी से अनुरोध करूंगा कि काम में तेजी लाएं और टनल पूरी होने तक इन सड़कों का सही रखरखाव पक्का करें।" बॉर्डर पर बंकरों के बारे में जनता की मांगों पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि कंस्ट्रक्शन प्रोसेस फिजिबिलिटी के आधार पर जारी रहेगा। “जहां मुमकिन होगा, वहां अलग-अलग बंकर बनाए जाएंगे। नहीं तो, कम्युनिटी बंकर बनाए जाएंगे। हमारे पास हर जगह अलग-अलग बंकर बनाने के लिए संसाधन या जगह नहीं है।”

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