धूमधाम से मना दशहरा पर्व
संवाद सहयोगी पुंछ असत्य पर सत्य की जीत व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा कालाकोट
संवाद सहयोगी, पुंछ : असत्य पर सत्य की जीत व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा कालाकोट में धूमधाम से मनाया गया। शाम पांच बजे रामलीला परिसर कालाकोट से राम-लक्ष्मण व हनुमान जी की झांकी निकाली गई। यह झांकी बाजार व अन्य जगहों से होती हुई दशहरा ग्राउंड पहुंची। यहां शाम छह बजे रावण के पुतले को आग के हवाले किया गया।
इस अवसर पर श्री महाकालेश्वर रामलीला क्लब के अध्यक्ष कमल सूरी ने समस्त कस्बावासियों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने रामलीला के प्रति लोगों द्वारा दिए गए सहयोग का भी आभार जताया। वहीं, दशहरा को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे। दशहरा ग्राउंड में आतिशबाजी को लेकर दमकल विभाग ने भी पानी से भरा हुआ वाहन खड़ा कर रखा था। इसके अलावा एंबुलेंस व स्वास्थ्य कर्मी भी दशहरा ग्राउंड में मौजूद रहे। वहीं, इस अवसर पर लोग भी बड़ी संख्या में दशहरा मेला देखने जमा हुए थे। रामलीला के डायरेक्टर श्यामलाल ने भी दशहरा पर्व की कस्बावासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है, क्योंकि आज ही के दिन बुराई पर अच्छाई व असत्य पर सत्य की जीत हुई थी। वहीं, उन्होंने रामलीला के प्रति लोगों के योगदान की भी सराहना की और दशहरा की समस्त कस्बावासियों को बधाई दी।
किश्तवाड़ जिले में भी दशहरा पर्व मनाया गया, लेकिन रावण दहन के बिना इसकी रौनक अधूरी रही। पिछले नौ दिन से नवरात्र चल रहे थे। उसके बाद शुक्रवार को दशहरा का त्योहार था, लेकिन यह त्योहार फीका रहा। बस इतना ही था कि कुछ लोगों ने इंटरनेट मीडिया के जरिए एक दूसरे को मुबारकबाद दी और कुछ लोगों ने एक दूसरे से मिलकर। पहले दशहरा के दिन रावण दहन होता था। कुंभकरण, मेघनाद व रावण के पुतले बनाए जाते थे। रामलीला क्लब की तरफ से झाकी निकलती थी, जो पूरे शहर से होती हुई चौगान मैदान में पहुंचती थी और चौगान मैदान में हजारों लोग झाकी को देखने व रावण दहन के लिए आए होते थे। जैसे ही तीनों पुतलों को रामलीला के कलाकार आग के हवाले करते थे, पूरे शहर में पटाखों की आवाजें गूंजती और सबको पता चलता कि रावण दहन हो गया है। लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से ऐसा कुछ नहीं हो रहा है, जिससे दशहरे का त्योहार पूरी तरह फीका रहा।