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सीमा पार बादल फटा, ट्रेड सेंटर चक्का दा बाग की इमारत में घुसा पानी

सीमावर्ती जिला पुंछ के गांव खड़ी करमाडा में नियंत्रण रेखा के पार गुलाम कश्मीर के गांव छात्रा में शनिवार देर रात करीब ढाई बजे बादल फटने से रंगड नाले का जलस्तर बढ़ गया है। नाले का बहाव तेज होने के कारण बाढ़ जैसे हालत उत्पन्न हो गए जिससे भारतीय क्षेत्र में ट्रेड सेंटर पुंछ चकना दा बाग की इमारत में पानी घुस गया और वहां पर तैनात सुरक्षा कर्मी फंस गए। बाढ़ की सूचना मिलने के बाद सेना व पुलिस ने बचाव अभियान चलाकर ड्यूटी पर तैनात जवानों को सुरक्षित निकाल लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jul 2022 02:16 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2022 02:16 AM (IST)
सीमा पार बादल फटा, ट्रेड सेंटर चक्का दा बाग की इमारत में घुसा पानी
सीमा पार बादल फटा, ट्रेड सेंटर चक्का दा बाग की इमारत में घुसा पानी

संवाद सहयोगी, पुंछ : सीमावर्ती जिला पुंछ के गांव खड़ी करमाडा में नियंत्रण रेखा के पार गुलाम कश्मीर के गांव छात्रा में शनिवार देर रात करीब ढाई बजे बादल फटने से रंगड नाले का जलस्तर बढ़ गया है। नाले का बहाव तेज होने के कारण बाढ़ जैसे हालत उत्पन्न हो गए, जिससे भारतीय क्षेत्र में ट्रेड सेंटर पुंछ चकना दा बाग की इमारत में पानी घुस गया और वहां पर तैनात सुरक्षा कर्मी फंस गए। बाढ़ की सूचना मिलने के बाद सेना व पुलिस ने बचाव अभियान चलाकर ड्यूटी पर तैनात जवानों को सुरक्षित निकाल लिया।

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नाले में आई बाढ़ से भारतीय क्षेत्र में रंगड नाले किनारे लगी खडी करमाडा गांव के लोगों की फसलों का नुकसान पहुंचा है। बादल फटने से पाकिस्तानी क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ है। इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन भारतीय क्षेत्र में नाले का पानी ने कई किलोमीटर क्षेत्र में अफरातफरी मचा दी। नाले किनारे बसे लोगों में दहशत का माहौल बना रहा।

बताया जाता है कि अक्सर रंगड नाले क्षेत्र में ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ दिनभर रहते हैं, लेकिन गनीमत रही कि बादल देर रात फटा, जिससे भारतीय क्षेत्र में जानी नुकसान नहीं हुआ।

भूस्खलन से मकान व जमीन को नुकसान : राजौरी जिले की कालाकोट तहसील की पंचायत मथियानी के गांव मोड़ा सलामू में बारिश के दौरान हुई भूस्खलन से सुरजीत सिंह व प्रेम सिंह दोनों के मकान व जमीन को नुकसान पहुंचा है। इससे इन गरीब परिवारों के समक्ष कई तरह की परेशानियां आन खड़ी हुई है।

ं सुरजीत सिंह व प्रेम सिंह ने बताया कि पहले बारिश ने कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचाया और फिर हमने जैसे तैसे करके पक्के कमरे बनाने शुरू किए। अभी उनकी दीवारें ही खड़ी की थी कि भूस्खलन की चपेट में आकर वह क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मकान के साथ-साथ जमीन का भी काफी नुकसान हुआ है और काफी जमीन भूस्खलन से कट गई है। लिहाजा प्रशासन से जल्द हमें मकान जमीन का उचित मुआवजा देकर राहत प्रदान करे। इस संबंध में सरपंच श्रेष्ठा कुमारी का कहना है कि बरसात के चलते जिन ग्रामीणों के मकानों व जमीन का नुकसान हुआ है, उनकी सूची तैयार कर प्रशासन को दी जा रही है और उम्मीद है कि प्रशासन की ओर से उन्हें राहत के तौर पर मुआवजा दिया जाएगा।


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