पाक ने एलओसी से आइबी तक दागे मोर्टार, दो लोग घायल
पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मंगलवार को भी पाक सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक गोलाबारी की।
जेएनएन, कठुआ/पुंछ : पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मंगलवार को भी पाक सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक गोलाबारी की।
पाक सेना देर शाम करीब 8.05 बजे एलओसी से सटे पुंछ जिला के खड़ी करमाडा के चक्का दा बाग और कस्बा सेक्टर में भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों पर छोटे हथियारों से गोलाबारी की। थोड़ी देर बाद रिहायशी क्षेत्रों में मोर्टार दागने शुरू कर दिए, जिससे गाव में दहशत का माहौल बन गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) से सटे कठुआ जिला के हीरानगर सेक्टर के मनयारी गांव में पाक रेंजर्स ने सोमवार रात 9.35 बजे के बाद फायरिग शुरू कर दी, जो मंगलवार सुबह करीब पांच बजे तक जारी रही। इस दौरान पाक रेंजर्स ने मोर्टार दागे और मशीनगनों से गोलाबारी की। गोलाबारी में दो लोग घायल हो गए, जबकि एक गाय मर गई। कई रिहायशी मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने भी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि पाक रेंजर्स ने दर्जनों मोर्टार बरसाए, जिनमें से कुछ लोगों के घरों में गिरे। एक शेल बोधराज के घर में बंकर के आगे गिरा, जिससे दरवाजा छलनी हो गया और बंकर में धुआं भर गया। मोर्टार शेल के छर्रे लगने से बच्चों के साथ अंदर सो रहा बोधराज घायल हो गया। इसके साथ ही काली दास पुत्र सिगडू राम के मकान की दीवार में भी सुराग हो गया, जिससे ईटें गिरने लगी। काली दास बाल-बाल बच गया।
एक गोला मनोहर लाल पुत्र करतार चंद के कच्चे मकान की छत पर गिरा, जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गया। गली में तरिडो राम की गाय बंधी थी, जो स्पलेंडर लगने से मर गई। वहां पर खड़े ट्रैक्टर को भी नुकसान पहुंचा। स्पलेंडर लगने से रेखा देवी पत्नी मग्गरमल भी घायल हो गई। मनयारी गांव में पांच दिनों से हो रही गोलीबारी से करीब 12 घरों को नुकसान पहुंचा है।
गोलीबारी का पता चलते ही ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (बीडीसी) के चेयरमैन करण कुमार मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि वे प्रशासनिक अधिकारियों को समस्या से अवगत करवाएंगे। डीसी ओपी भगत ने कहा कि तहसीलदार को नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। गोलीबारी से डरे ग्रामीणों ने पूरी रात बंकरों में ही गुजारी।