Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कठुआ में खाद की किल्लत के बीच शुरू की गेहूं की बोआई, किसानों की टेंशन बरकरार

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 11:10 AM (IST)

    हीरानगर के किसान धान की फसल में हुए नुकसान से परेशान हैं। अब उन्हें गेहूं की फसल से उम्मीदें हैं, लेकिन डीएपी खाद की कमी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। कई किसान बिना खाद के ही बुआई करने को मजबूर हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

    Hero Image

    कठुआ में खाद की किल्लत के बीच शुरू की गेहूं की बोआई (जागरण फोटो)

    संवाद सहयोगी, हीरानगर। उपमंडल के किसानों ने बरसात के मौसम में खराब हुई बासमती धान की फसल की कटाई तैसे-तैसे पूरी कर ली है, लगभग पांच प्रतिशत कटाई ही शेष रह गई है। धान की फसल पहले ही बाढ़ और भारी बारिश, आंधी की मार झेल चुकी थी, जिससे उत्पादन में काफी गिरावट आई। किसानों की उम्मीदें अब गेहूं की फसल पर टिकी हैं, लेकिन इस समय डीएपी खाद की किल्लत ने नई चिंता खड़ी कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपमंडल में करीब दस हजार हेक्टेयर भूमि पर हर वर्ष गेहूं की बोआई होती है। ऊंचाई वाले सीमावर्ती क्षेत्र के किसान नवंबर के पहले सप्ताह से ही बोआई शुरू कर देते हैं, ताकि सही समय पर फसल तैयार हो सके।

    खाद की कमी के चलते कई किसान मजबूरी में बिना खाद के ही बोआई करने को विवश हो गए हैं। किसान तरसेम लाल, पुरुषोत्तम लाल, दर्शन लाल, मंगत राम और मनोहर लाल का कहना है कि धान की फसल बर्बाद होने से वे पहले ही नुकसान झेल रहे हैं। अब गेहूं की बोआई के समय खाद न मिलने से उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है।