हीरानगर उपजिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं
-मरीजों को बड़े अस्पतालों या निजी सेंटरों में जाना पड़ रहा फोटो सहित: 15 संवाद सहयोगी, हीरानगर :
-मरीजों को बड़े अस्पतालों या निजी सेंटरों में जाना पड़ रहा
फोटो सहित: 15
संवाद सहयोगी, हीरानगर : उपजिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा न मिलने की वजह से क्षेत्र के रोगियों को उपचार करवाने के लिए बड़े अस्पतालों में दरबदर होना पड़ रहा है। हीरानगर अस्पताल में रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर का एक साल पूर्व तबादला हुआ था उसकी जगह एक साल से किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। हालाकि, कस्बे के लोग पूर्व स्वास्थ्य मन्त्रियों से भी कई बार माग कर चुके है। इसके बावजूद भी डॉक्टर का पद खाली है। क्षेत्र निवासी राकेश शर्मा, अजीत कुमार, डीआर चिब, मनोहर लाल, जनक राज का कहना है कि हीरानगर उपजिला अस्पताल के अंतर्गत मढ़ीन, हरिया चक, चकड़ा, डिंगा अंब आदि चार प्राइमरी हेल्थ सेंटर पड़ते है। 1998 में स्वास्थ्य विभाग ने बीएडीपी के तहत हीरानगर में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई थी और 2010 में एक मशीन मोबाईल एंबुलेंस में लगाई गई थी। अस्पताल के साथ-साथ डॉक्टर हर सप्ताह मोबाईल एंबुलेंस को लेकर गाव में जाकर एक्स-रे करते थे। जिससे आर्थिक तौर पर कमजोर रोगियों को अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता था और समय पर रोग का पता चल जाता था। ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर का पद खाली रहने की वजह से रोगियों को अब अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कठुआ या फिर जम्मू जाना पड़ता है। आर्थिक तंगी की वजह से गरीब लोग वहा नहीं जा पाते ओर बिना उपचार के रोगी अपनी जान से हाथ धो बैठते है। लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने कि लिए विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। अस्पतालों में डॉक्टर न होने की वजह से लोगों को सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। इस संबंध में हीरानगर ब्लॉक के बीएमओ डॉक्टर विजय वाली का कहना है कि अस्पताल में दोनों अल्ट्रासाउंड मशीने बंद पड़ी है, अब दोबारा रिपोर्ट बना कर भेज देंगे।