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उज्ज मल्टीपरपज डैम का ग्रामीण करेंगे गांव-गांव में विरोध

संवाद सहयोगी बिलावर उज्ज मल्टीपरपज डैम प्रोजेक्ट के फैसले को लेकर विरोध शुरू हो गया है। विलेज सो

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 12:22 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 12:22 AM (IST)
उज्ज मल्टीपरपज डैम का ग्रामीण करेंगे गांव-गांव में विरोध
उज्ज मल्टीपरपज डैम का ग्रामीण करेंगे गांव-गांव में विरोध

संवाद सहयोगी, बिलावर: उज्ज मल्टीपरपज डैम प्रोजेक्ट के फैसले को लेकर विरोध शुरू हो गया है। विलेज सोशल वेलफेयर एंड डेवलपमेंट कमेटी किशनपुर डूगाड़ा के अध्यक्ष एसपी शर्मा की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई।

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इस दौरान लोगों ने सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा उज्ज डैम की डीपीआर मंजूर नहीं की, बल्कि 14 पंचायतों के लोगों के विनाश के प्रोजेक्ट को हरी झडी दी है। इससे उप जिला की 11 हजार आबादी के पलायन के प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी सरकार ने दे दी है। इससे बिलावर का विकास नहीं, बल्कि विनाश होगा। बिलावर की 14 पंचायतों का नक्शा भौगोलिक तौर पर बिलावर उप जिला से गायब हो जाएगा। उसे प्रोजेक्ट का विरोध नहीं करते, बल्कि उन लोगों की माग है कि सरकार प्रोजेक्ट को लागू करने से पहले उन लोगों की भी सुध ले जो डैम निर्माण से प्रभावित होने वाले हैं। एसपी शर्मा ने कहा कि उज्ज प्रोजेक्ट से 11 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे, क्योंकि उज्ज डैम के निर्माण से पलायन होगा। इस प्रोजेक्ट से बिलावर की जनता को ज्यादा लाभ तो नहीं होगा, लेकिन उज्ज डैम के बनने के परिणाम बिलावर की जनता के लिए विनाशकारी जरूर साबित होंगे, क्योंकि जब 11 हजार से ज्यादा आबादी बिलावर से पलायन करेगी। वे लोग अपने वीर से अपनी विरसा विरासत और सभ्यता से दूर होंगे, जबकि उस डैम निर्माण से बिलावर के धान की खेती के लिए सबसे उपजाऊ माने जाने वाली दरूंग, दुंगड़ा की जमीन जलमग्न हो जाएगी, जोकि बिलावर उपजिला का 90 प्रतिशत धान उत्पादन करती है।

मल्टीनेशनल प्रोजेक्ट कोआíडनेशन कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार उन लोगों की माग सुने, उनकी माग है कि जो भी लोग उज्ज डैम बनने से प्रभावित होंगे या फिर जिन लोगों की जमीन आएगी, उन लोगों को सरकार कॉलोनिया बनाकर एक ही स्थान पर बसाए। उज्ज डैम से प्रभावित होने वाली 14 पंचायतों के लोगों को मुआवजा नेशनल रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन अधिनियम 2017 के अनुरूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे लोग देशहित के लिए हमेशा त्याग करने के लिए तैयार है, लेकिन उनकी एक ही तमन्ना है कि किसी भी व्यक्ति का पलायन न हो और वह अपने सगे संबंधियों रिश्तेदारों और संस्कृति से दूर ना जाए, इसीलिए सरकार उन्हें कॉलोनिया बनाकर बसाए। ताकि वे लोग बिलावर में ही बसे रहे, इससे उनकी भौगोलिक पलायन डैम निर्माण से जरूर होने वाला है, लेकिन अपनी संस्कृति से किसी प्रकार का पलायन ना हो। बैठक में निर्णय लिया गया कि उज्ज डैम के विरोध के लिए गाव-गाव में समितियों का गठन किया जाएगा, जो सरकार के इस फैसले का विरोध करने के लिए जन आदोलन को प्रेरित करेंगे।

बैठक में नायब सरपंच संजीव वर्मा, नरेश शर्मा, पम्मी रैना, सोहन लाल शर्मा, काका राम, बंसीलाल, ज्योति प्रकाश, नरेंद्र शर्मा, केवल कृष्ण, साहिल मंगोत्रा, ज्योति रैना, अभिनंदन वर्मा, सचिन रैना आदि उपस्थित थे।


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