जिले में में दो और धान खरीद केंद्र खुले
पंजाब में पहली बार कठुआ जिले के किसानों को अपनी फसल बेचने पर लगी पाबंदी के बाद कृषि विभाग ने जिले में दो और धान खरीद केंद्र खोले हैं। इस बार जिले में धान खरीद केंद्रों की संख्या 10 हो गई है। किसानों को अपनी फसल बेचने में आ रही परेशानी को देखते हुए नए केंद्र खोलने की मांग स्थानीय जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्यों ने भी लिखित में सरकार तक पहुंचाई।
जागरण संवाददाता,कठुआ : पंजाब में पहली बार कठुआ जिले के किसानों को अपनी फसल बेचने पर लगी पाबंदी के बाद कृषि विभाग ने जिले में दो और धान खरीद केंद्र खोले हैं। इस बार जिले में धान खरीद केंद्रों की संख्या 10 हो गई है। किसानों को अपनी फसल बेचने में आ रही परेशानी को देखते हुए नए केंद्र खोलने की मांग स्थानीय जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्यों ने भी लिखित में सरकार तक पहुंचाई। किड़ियां गंडयाल की डीडीसी सदस्य डा. श्वेता सिंह ने भी इस मांग को गत दिनों जिला में जनसंपर्क कार्यक्रम में पहुंची केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डा. शोभा कदंरालजे के समक्ष उठाया था। इसी तरह डीडीसी सदस्य मढ़ीन कर्ण कुमार ने भी अपने क्षेत्र में और धान खरीद केंद्र खोलने की मांग रखी थी। जिसके बाद दो और खरीद केंद्र खोले गए।
जिला उपायुक्त कठुआ राहुल यादव की उपस्थित में किड़ियां गंडयाल में डीडीसी सदस्य डा. श्वेता सिंह ने शुक्रवार को धान खरीद केंद्र का रिबन काट कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को अब सरकारी मंडी में अपनी उपज का सही मूल्य मिलेगा और उन्हें मजबूरन निजी व्यापारियों से औने पौने दाम पर अपनी फसल बेचने की नौबत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले किड़ियां गंडयाल क्षेत्र जो पंजाब से सटा है,यहां के किसान पंजाब में अपना धान बेचते थे और समय पर सही दाम पा लेते थे,लेकिन इस बार पंजाब में उनका धान बेचने पर लगी पाबंदी के कारण उन्हें परेशानी हो रही थी,अब मंडी खुलने से उनकी समस्या हल होगी और उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा। इससे पहले जिला में धान खरीद केंद्रों की संख्या 8 रहती थी।
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मंडियों में अब तक 18342 क्विंटल धान की खरीदारी
जिले में इस बार सरकारी मंडियों में धान की खरीद प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है। हालांकि धान बेचने के लिए सरकारी प्रविधान के अनुसार 2 हजार किसानों ने अपना पंजीकरण कृषि विभाग में करा दिया है,लेकिन अभी तक तीन सप्ताह में जिला की 10 मंडियों में 18,342 क्विंटल धान की खरीद हुई है। अभी तक 294 किसानों ने अपना धान बेचा है। जबकि गत वर्ष 3700 किसानों ने 2.42 लाख क्विंटल धान बेचा था। इस बार धान खरीद केंद्रों में खरीद धीमी होने का कारण पंजीकरण प्रक्रिया का प्रविधान होना है। किसान इसके लिए औपचारिकताएं पूरी करने के साथ मंडियों में एफसीआइ की ओर से पूरी तरह से सूखा कर लाने की शर्त रखी गई है। इससे किसानों को अपनी फसल काटने के बाद उसे सूखाने में ज्यादा समय लग रहा है। उधर से मौसम का भी डर बना है।