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Jammu Kashmir स्ट्राबेरी की खेती के प्रति किसानों में आई है जागरूकता, खेती कर मालामाल हो रहे हैं किसान

किसानों की आमदनी बढ़ाने में स्ट्राबेरी काफी मददगार साबित हो रहा है। बागवानी विभाग भी किसानों को प्रोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। स्ट्राबेरी की खेती करने वाले वाले किसानों को सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है और उन्हें नई तकनीक जानकारी भी दी जा रही है।

By rajinder mathurEdited By: Lokesh Chandra MishraPublished: Sun, 06 Nov 2022 12:25 AM (IST)Updated: Sun, 06 Nov 2022 05:05 PM (IST)
Jammu Kashmir स्ट्राबेरी की खेती के प्रति किसानों में आई है जागरूकता, खेती कर मालामाल हो रहे हैं किसान
स्ट्राबेरी की खेती करने वाले वाले किसानों को सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है।

हीरानगर, संवाद सहयोगी : मौसम में बदलाव व पारंपरिक फसलों में हो रहे कम मुनाफे के कारण अब किसानों का रुझान स्ट्राबेरी की खेती की ओर बढ़ रहा है। स्ट्राबेरी की खेती करने वाले किसानों का अनुभव भी बेहतर रहा है। वे इस फसल से मालामाल हुए हैं। किसानों की आमदनी बढ़ाने में स्ट्राबेरी काफी मददगार साबित हो रहा है। बागवानी विभाग भी किसानों को प्रोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। स्ट्राबेरी की खेती करने वाले वाले किसानों को सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है और उन्हें नई तकनीक जानकारी भी दी जा रही है।

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कठुआ जिले के हीरानगर क्षेत्र में इस समय गंगू चक, हरिपुर, देवो चक, बोबिया, जांडी, मंगलूर, पथवाल आदि गांवों में इस बार 30 के करीब किसानों ने स्ट्राबेरी लगाई है। किसान रमेश चंद्र, पुरुषोत्तम लाल, भगवान दास, जनक राज का कहना है कि मौसम में आए बदलाव के कारण अब गेहूं, धान आदि पारंपरिक फसलें लगाने से मुनाफा कम हो रहा है। पिछले कुछ सालों से बेमौसमी वर्षा की वजह से फसलों का नुकसान हो रहा है। दूसरा इन फसलों को लगाने में खर्च भी बढ़ गया है, फसल समेटने के लिए ज्यादा मजदूरों की जरूरत होती है।

आमदनी बढ़ाने के लिए बागवानी, कृषि विभाग भी उन्हें आधुनिक तकनीक से खेती करने के लिए प्रेरित कर रहा है। बागवानी विभाग ने उन्हें स्ट्राबेरी लगाने की सलाह दी थी। पिछले साल कुछ किसानों ने स्ट्राबेरी लगाई थी। उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ था। इस बार उन्होंने भी स्ट्राबेरी लगाई है। अगर मुनाफा हुआ था। अगले साल से खेती बढ़ाएंगे। वहीं, बागवानी विभाग के ब्लाक अधिकारी रघु शर्मा का कहना है कि पिछले साल 12 किसानों ने हीरानगर क्षेत्र में स्ट्राबेरी लगाई थी। उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ था।

30 किसानों ने छ हेक्टेयर में लगाई है स्ट्राबेरी

इस बार 30 के करीब किसानों ने 6 हेक्टेयर पर स्ट्राबेरी लगाई है। कैपेकस योजना के तहत उन्हें प्रति कनाल 13 हजार रुपए सब्सिडी दी जाती है। एक कनाल में डेढ़ क्विंटल तक उत्पादन हो जाता है और किसान 30 से 40 हजार तक कमा सकते हैं। हीरानगर क्षेत्र में मौसम और मिट्टी स्ट्राबेरी की खेती के लिए काफी उपयोगी है। विभाग की तरफ से गांवों में शिविर लगाकर जागरूक किया जाता है। किसानों का रूझान स्ट्राबेरी लगाने में बढ़ रहा है। अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है।


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