कॉलेज लेक्चरर्स ने शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया
संवाद सहयोगी कठुआ कॉलेज परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से अनुबंध पर नियुक्त लेक्चरर्स ने वीरवार क
संवाद सहयोगी, कठुआ : कॉलेज परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से अनुबंध पर नियुक्त लेक्चरर्स ने वीरवार को शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया। प्रदर्शन कर रहे लेक्चरर्स का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग ने उन्हें 28000 रुपये की मासिक राशि पर कॉलेज में अनुबंध लेक्चरार नियुक्त किया था, लेकिन विभाग ने नया आदेश जारी कर उनके पदनाम नीड बेस्ड टीचर्स में बदल दिया है।
वीरवार को कॉलेज परिसर में प्रदर्शन कर रहे डॉ. वकील सिंह ने कहा कि हर शिक्षा सस्थानों में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन कॉलेज के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर कॉलेज परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि नए आदेश के अनुसार अनुबंध पर नियुक्त लेक्चरारों को नीड बेस्ड टीचर्स बना दिया गया। पहले इन लेक्चरारों को 28000 रुपये प्रति माह मिलता था, लेकिन अब इन्हें निधार्रित वेतन के बजाय प्रति घटे और ली गई कक्षाओं के आधार पर भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जारी आदेश 472 ई के तहत छुट्टियां और गैर कार्य दिवस और पाठ्यक्रम पूरा होने पर ये लेक्चरार बेरोजगार हो जाएंगे। पहले वो पूरे शैक्षणिक सत्र के लिए अनुबंधित थे, लेकिन नए आदेश के बाद उनसे श्रमिकों श्रमिकों की तरह कार्य लिया जाएगा, जो उन्हें मंजूर नहीं है। इसके विरोध में लेक्चरारों ने कामछोड़ कर शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मना कर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि राज्य से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर क्षेत्र के युवाओं को कुछ अच्छे फैसले की उम्मीद थी, लेकिन इस निर्णय से उन्हें निराशा ही हुई है। अनुबंध शिक्षकों ने राज्यपाल से अपील की है कि नए आदेश को जल्द रद कर उन्हें राहत दिलाई जाए। प्रदर्शन में योगेश्वर दत्त, राहुल कीचल,ु डॉ, कंचन, दीपक शर्मा आदि शामिल थे।
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बसोहली में भी शिक्षकों ने डिग्री कालेज में मनाया काला दिवस,
संवाद सहयोगी, बसोहली : शिक्षक दिवस पर डिग्री कॉलेज बसोहली के सभी अस्थायी शिक्षक हाथों पर काले रीबन बांध कर कॉलेज पहुंचे। शिक्षकों ने बताया कि उनके साथ हमेशा से भेदभाव होते आया है। सरकार ने भेदभाव को समाप्त करने के बजाय हर बार शिक्षा नीति में नया संशोधन कर शिक्षकों के मान सम्मान को गिराया है। सरकार की हर यातना को सहन कर शिक्षक काम कर रहे हैं जैसे मजबूरी में मजदूर काम करता है। उच्च शिक्षा विभाग के आर्डर नंबर 472 लाकर सरकार हमें कौन सा उपहार दिया है। इस आर्डर के कारण हर कॉलेज के शिक्षक प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। अगर केंद्र शासित राज्य में एक शिक्षक की ऐसी हालत होती है तो हमें ऐसे शासन की आवश्यकता नहीं। हर शिक्षक इस उम्मीद से अपना दायित्व ईमानदारी से निभा रहा है कि कभी तो सरकार उनकी सुध लेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करेगी, लेकिन सरकार ने जो नीति अपनाई है उससे शिक्षकों की समस्या हल नहीं बल्कि बढ़ेगी। इसलिए उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से समस्या को गंभीरता से लेते हुए अपनी स्थिति को शीघ्र स्पष्ट करने की मांग की है। दिन भर कॉलेज के सभी अस्थायी शिक्षकों ने काले रीबन बांध कर सरकार के आर्डर का विरोध किया।
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उच्च शिक्षा विभाग का आदेश मानव अधिकारों का उल्लंघन
फोटो सहित-17
हीरानगर : डिग्री कॉलेज हीरानगर में भी शिक्षकों ने शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया। कॉलेज परिसर में काली पट्टियां बांध कर डयूटी देने पहुंचे। प्रदर्शन में कर रहे भूपेंद्र सिंह, शीतल थापा, राकेश शर्मा, अरुण कुमार, मीनाक्षी जसरोटिया, ज्योति आदि ने उच्च शिक्षा विभाग के उस आदेश को काला आदेश बताते हुए इसे मानव अधिकारों का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि ये उनके साथ अन्याय है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। इसके खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। इसलिए उनकी राज्यपाल से अपील है कि इस नीड बेस्ड टीचर्स की दी संज्ञा को वापस ले।