Move to Jagran APP

सुकराला देवी स्थान पर सुविधाएं नहीं, भक्त होते हैं परेशान

सुंदरी श्राइन बोर्ड का गठन को लगभग 7 साल हो चले है। यहां 11 नंबर 2013 को बोर्ड द्वारा माता सुकराला देवी के भवन की कार्य व्यवस्था का कार्यभार भी संभाले लभभग सात साल के करीब हो चले है। लेकिन विगत सात सालों मे बोर्ड द्वारा मां के दरबार में आने वाले भक्त को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने में एक

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 09:10 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 09:10 AM (IST)
सुकराला देवी स्थान पर सुविधाएं नहीं, भक्त होते हैं परेशान
सुकराला देवी स्थान पर सुविधाएं नहीं, भक्त होते हैं परेशान

करुण शर्मा, बिलावर :

loksabha election banner

माता सुकराला देवी और श्री माता बाला सुंदरी श्राइन बोर्ड का गठन हुए लगभग सात साल हो गए हैं, लेकिन श्राइन बोर्ड मां के दरबार में आने वाले भक्तों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कुछ नहीं किया। सुकराला देवी स्थान के विकास के लिए सात साल में कोई भी योजना लागू नहीं हुई। इससे यहां आने वाले भक्तों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

माता सुकराला देवी स्थान पर पार्किंग की समस्या है। हालांकि 2019 में तत्कालीन एडीसी बिलावर जोगिद्र सिंह राय द्वारा माता सुकराला देवी स्थान पर नए साल में टूरिज्म विभाग के इंजीनियरों के साथ पीएमडीपी में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने के लिए प्रोजेक्ट बनाकर प्रस्तावित भी किया गया था। लेकिन एक साल बाद भी सरकारी लेटलतीफी के कारण उक्त प्रोजेक्ट सरकारी फाइलों तक ही सीमित रह गया है। श्राइन बोर्ड के अधिकारी इसके पीछे मामला कोर्ट में होने की बात कहते हैं। उनका कहना है कि कोर्ट में स्टे होने के कारण कोई भी योजना शुरू नहीं कर पा रहे हैं।

श्राइन बोर्ड ने दोनों मंदिरों में से यहां सुकराला मंदिर की व्यवस्था ही अपने हाथ ली थी। लेकिन यहां कोई बड़ी योजना बोर्ड अभी तक शुरू नहीं कर पाया है। यहां मंदिर में श्रद्धालुओं को सुविधा के नाम सिर्फ धक्के मिलते हैं। अमूमन माता सुकराला देवी के दरबार में हर मंगलवार और रविवार को मां के भक्तों की भीड़ रहती है। लेकिन बोर्ड का कोई अधिकारी मौजूद नहीं होता।

माता सुकराला देवी स्थान पर सबसे पहली जरूरत शौचालयों की है। लेकिन यहां टूरिज्म विभाग के शौचालय को छोड़कर मां के भक्तों के लिए और कहीं भी सुविधा नहीं है। इससे महिला भक्तों को या तो खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है या फिर किसी के घर में शरण लेनी पड़ती है। दूसरी बड़ी समस्या पार्किंग की है। मां के दरबार में आने वाले भक्तों को अपने वाहनों पार्क करने में दिक्कत आती है। दिनोंदिन बढ़ती भीड़ के चलते सुकराला का अड्डा काफी छोटा है। ऐसे में चार वाहन लगने के बाद वहां पर गाड़ी लगाने के लिए कोई स्थान नहीं बचता है। ऐसे में श्रद्धालुओं को अपने वाहन सड़कों के किनारे लगाने पड़ते हैं। सुकराला रोड के विस्तारीकरण की सुस्त रफ्तार बनी परेशानी का सबब

नौ किलोमीटर लंबे बिलावर से माता सुकराला देवी सड़क के विस्तारीकरण का 17 करोड़ की लागत से काम चल रहा है। छह किलोमीटर का विस्तार हो चुका है। लेकिन बिलावर कस्बे की डेढ़ किलोमीटर सड़क निर्माण एजेंसी की लेटलतीफी के कारण लोगों की परेशानी का सबब बनी हुई है। दूसरे चरण के कार्य में वन विभाग की क्लीयरेंस आड़े आ रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में वह भी पूरी हो जाएगी और काम पूरा होगा।

एईई पीडब्ल्यूडी कुलभूषण सिंह भाऊ का कहना है कि पहले चरण में बिलावर कस्बे के बचे हुई डेढ़ किलोमीटर टुकडे़ को मौसम साफ होते ही ब्लैकटॉप किया जाएगा। वन विभाग की क्लीसरेंस पूरी होते ही बाकी भक्तपुर के आगे हिस्से के रोड का विस्तारीकरण का काम शुरू हो जाएगा। बिजली व पानी की भी है समस्या

सुकराला पंचायत के नायब सरपंच सतीश कुमार शर्मा, पंच अमन शर्मा का कहना है कि बिजली विभाग ने करीब डेढ़ करोड़ खर्च कर स्पेशल लाइन सुकराला देवी मंदिर के लिए लगाई है। लेकिन फिर भी बिजली संकट से निजात नहीं मिली। वहीं, सुकराला में पानी के लिए मारामारी तो है ही। यहां माता के दरबार में आने भक्तों की बात दूर, स्थानीय लोगों को पीने का पानी नहीं मिलता। गर्मियों में समस्या विकराल होती है। कोर्ट में स्टे श्राइन बोर्ड की योजना के परवान चढ़ने में आड़े आता है। प्रयास किए जा रहे हैं कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। बोर्ड द्वारा कोई योजना शुरू नहीं कर पाने के पीछे का कारण यह है कि माता सुकराला देवी के बारीदारों का जमीन, पैसे और रोजगार को लेकर कोर्ट में स्टे है। मल्टी स्टोरी पार्किंग का प्रपोजल टूरिज्म विभाग द्वारा पीएमडीपी के तहत बनाया गया था। उसको लेकर वह पत्राचार कर रहे हैं।

- संदेश कुमार शर्मा, माता सुकराला देवी श्राइन बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी एवं एडीसी बिलावर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.