जीएमसी में टूटी हड्डी में राड डालकर किया मरीज का सफल ऑपरेशन
जागरण संवाददाता कठुआ दुर्घटना में कई बार टांग की हड्डी टूटने पर घायल को राड अ
जागरण संवाददाता, कठुआ: दुर्घटना में कई बार टांग की हड्डी टूटने पर घायल को राड आदि डलवाने के लिए जीएमसी जम्मू या पंजाब के पठानकोट और अमृतसर के प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता था। इसमें काफी खर्च आता था, लेकिन अब ये समस्या जीएमसी कठुआ में ही हल होने लगी है।
गत शनिवार को जीएमसी कठुआ में पहली बार मरीज की टांग की टूटी हड्डी को लोहे की राड डालकर सफल आपरेशन हुआ। इस सफल ऑपरेशन को मेडिकल कॉलेज में आर्थो विभाग के युवा रेजीडेंट डॉक्टर गगनदीप सिंह ने किया। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। गांव घाटी के 27 वर्षीय युवा अरुण सिंह की घर में ही स्लिप होने पर टांग की हड्डी टूट गई थी। परिजन उसे इलाज के लिए जीएमसी कठुआ ले आए। हालांकि, उसे कई लोगों ने बेहतर इलाज के लिए पंजाब जाने की सलाह भी दी। उसने पंजाब के अस्पतालों में संपर्क कर पूरा इलाज के लिए खर्च भी पूछा, जिसे 35 से 50 हजार रुपये बताया गया, इस बीच उसे किसी ने पहले जीएमसी कठुआ में ओपीडी में नये युवा डॉक्टर गगनदीप सिंह से चेक कराने की सलाह दी। उसने ओपीडी में जब चेक कराया तो डॉक्टर ने उसे यहीं पर ऑपरेशन कराने की सलाह दी।
डॉक्टर की सलाह पर अरुण सिंह ने कठुआ जीएमसी में टूटी हड्डी का राड डलवाकर ऑपरेशन कराया। गत शुक्रवार अस्पताल में भर्ती हुए अरुण सिंह का दूसरे दिन शनिवार डॉक्टर गगनदीप सिंह ने आरपेशन करके राड डाली, जो सफल रहा। कठुआ जिला और जीएमसी में ऐसी तकनीक का पहला आपरेशन है, जिसमें मरीज की टूटी हड्डी का आपरेशन कर राड डाली गई। डॉ. गगनदीप सिंह ने बताया कि इसके बाद दो और ऐसे मरीज आए है, जिनमें एक का आपरेशन हो चुका है और दूसरे का किया जाना है। ऐसे आपरेशन ज्यादातर पंजाब में ही प्राइवेट अस्पतालों में होते हैं, लेकिन अब ऐसे मरीजों को वहां जाने की जरूरत नहीं है। यहीं पर सुविधा मिलेगी।
आपरेशन करवाकर तीसरे दिन ही वॉकर से थोड़ा बहुत मूव कर रहे अरुण सिंह ने बताया कि उसका यहां पर मात्र 16 हजार रुपये खर्च आया है। वह अपने आप को इस समय काफी स्वस्थ महसूस कर रहा है। ऑपरेशन के दौरान कोई भी तकलीफ नहीं हुई।