लखनपुर टोल प्लाजा हटते ही ढीली हुई सुरक्षा व्यवस्था
जाए टोल प्लाजा हटने के बाद सभी वाहनों की फिजिकल चेकिग न होना फिजिकल चेकिग न होना - सांबा में पहुंचा पठानकोट से सेरेंडर - सांबा में पहुंचा पठानकोट से सेरेंडर
जागरण संवाददाता, कठुआ : लखनपुर टोल प्लाजा हटते ही राज्य की सुरक्षा व्यवस्था भी ढीली पड़ने लगी है। पठानकोट से कुछ आतंकियों को लेकर सांबा के पुरमंडल में एक पूर्व आतंकी के पहुंचने की सूचना के बाद सुरक्षाबल और चौकस हो गए हैं। हालांकि, अभी ये जांच व पूछताछ का विषय है कि पूर्व आतंकी लखनपुर के रास्ते या अन्य किसी दूसरे रास्ते से सांबा पहुंचा। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा बंदोबस्त को और मजबूत करना शुरू दिया है और शीघ्र अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की तैयारी है।
लखनपुर में टोल टैक्स विभाग के टोल प्लाजा रहते चेकिग के दौरान वाहनों से कई बार हथियारों सहित आतंकियों, मादक पदार्थ की खेप पकड़ी गई। अब टोल हटने के बाद वहां केवल नाका ही लगा है। ऐसे में नाके से गुजरने वाले विशेषकर मालवाहक वाहनों की फिजिकल चेकिग न होना भी प्रदेश की सुरक्षा के लिए भारी पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि टोल हटने के बाद एक जनवरी 2020 से प्रदेश सरकार द्वारा टोल प्लाजा हटने के बाद से गुजरने वाले मालवाहक वाहनों की चेकिग नहीं हो रही है। इसके चलते मालवाहक वाहन में सामान के पीछे क्या छिपा कर जम्मू कश्मीर में खतरनाक सामान ला रहे हैं।
टोल पर जांच के दौरान अकसर आतंकियों के मददगारों से मालवाहक ट्रकों से नशे के सामान की खेप बरामद हो रही थी। इनका सीधा संबंध कश्मीर में सक्रिय आतंकियों से रहा है। गत 12 सितंबर 2019 को तीन आतंकी हथियारों सहित ट्रक में सवार पकड़े गए थे। पंजाब से कश्मीर में बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए आ रहे थे।
जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी अकसर लखनपुर से किसी भी रूट को अपने नापाक इरादों के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। हालांकि, पुलिस उसी वाहन की फिजिकल चेकिग करती रही है, जिसकी पीछे से पुख्ता सूचना मिलती है। उस समय नाका लगाकर वाहनों की पुलिस चेकिग करती है। अब सवाल ये है क्या सूचना न मिलने पर पुलिस सभी वाहनों की चेकिग नहीं करेगी? ----
टोल प्लाजा के समय होती थी सभी वाहनों की चेकिग
लखनपुर मुख्य प्रवेश द्वार पर टोल प्लाजा पर तैनात नाका पुलिस सभी मालवाहक वाहनों की चेकिग करने में सहायक साबित होता था, क्योंकि प्रत्येक मालवाहक वाहन को टोल प्लाजा पर रुकना अनिवार्य था। दूसरा चालक को वाहन की चेकिग होने से डर लगा रहता था, लेकिन उसके बाद भी कुछ चालक ट्रकों में लोड सामान में संदिग्ध खेप लाने का प्रयास करते थे, कई बार वो पकड़े जाते थे। इसमें तस्करी का भी काफी सामान रहता था, जिसे टोल प्लाजा के कर्मी पकड़ने के बाद पुलिस को सूचित करते थे। उसके बाद पुलिस टोल पोस्ट पर पहुंचकर अगली कार्रवाई करती थी, अब वो ऐसा नहीं है, अब किसी भी वाहन चालक को टोल समाप्त होने पर रुकने की जरूरत नहीं है। सिर्फ नाके पर तैनात पुलिस ही पूछेगी। बुधवार को लखनपुर में कुछ ऐसा ही हाल देखा गया। नाके पर मात्र दो-चार कर्मी ही तैनात थे, जो वाहन चालक से उसके पास ट्रक में लोड दस्तावेज की ही चेक करने के बाद उन्हें जाने की अनुमति दे रहे थे। ऐसे में तस्करों एवं देशद्रोहियों के लिए लखनपुर के अलावा अब किड़ियां गंडयाल, नगरी, कोटपुन्नू, सतवारी सहित अन्य मार्गो से भी राज्य में घुस सकते हैं। ----
सेना की फुलबॉडी स्कैनर योजना नहीं चढ़ पाई सिरे
10 साल पूर्व जम्मू कश्मीर के मुख्य प्रवेश द्वार पर आतंकी खतरे एवं बढ़ती तस्करी को देखते हुए सेना ने लखनपुर में फुलबॉडी स्कैनर लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन उस समय की जम्मू कश्मीर की सरकार ने उसे सिरे नहीं चढ़ने दिया था। दरअसल, लखनपुर टोल प्लाजा की आड़ में तस्करों के साथ कश्मीर के कुछ नेता भी अपना सामान बिना टैक्स बाहर ले जाने और यहां लाने में पोस्ट पर तैनात भ्रष्ट तंत्र से फायदा लेते रहते थे। इसी के चलते सेना की सुरक्षा से जुड़ी फुलबॉडी स्कैनर योजना सिरे नहीं चढ़ पाई थी। ---
तैनात होंगे अर्द्धसैनिक बलों के जवान
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस टोल प्लाजा के रहते भी मालवाहक वाहनों चेकिग करती थी और अब भी करेगी, लेकिन अब नई रणनीति के साथ। ऐसा नहीं कि पुलिस लखनपुर में चेकिग में कोई ढील रखेगी। इसके लिए विशेष नाके और भी लगाए जाएंगे और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भी वहां तैनात की जाएगी, ताकि कोई भी वाहन वहां से बिना चेकिग किए न गुजरे। वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो चेकिग को पुख्ता बनाने के लिए लखनपुर के पार पंजाब के नाके पर तैनात पुलिस से भी तालमेल बनाकर सुरक्षा को यकीनी बनाया जाएगा।