तरनाह नाले से जुड़े पथवाल से हीरानगर में नहीं सुरक्षा
गत 31 जनवरी को नगरोटा में मारे गए तीन आतंकियों के दियालाचक से ट्रक में बैठने की डीजीपी द्वारा उस समय मौके पर दिए बयान के बाद हीरानगर में पड़ते तरनाह नाले से घृुसपैठ करने की
जागरण संवाददाता, कठुआ : जम्मू के नगरोटा में तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) से सटा हीरानगर का तरनाह नाला सुर्खियों में है। तीनों आतंकियों का भारी असलाह लेकर घुसपैठ करने की आशंका से बीएसएफ अधिकारियों से लेकर सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप है। फिलहाल कोई भी यह मानने को तैयार नहीं है कि यहां से घुसपैठ हुई है। पड़ताल करने पर पाया कि दियालाचक राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े एक किमी. पथवाल क्षेत्र से हीरानगर तक पर्याप्त सुरक्षा नहीं है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े करीब 10 किलोमीटर लंबे तरनाह नाले से पथवाल कुछ दूरी पर है।
पड़ताल : आइबी पर तरनाह नाला बहकर जैसे ही पाकिस्तान की तरफ जाता है, वहां पर मात्र 50 फीट ही चौड़ाई रह जाती है। दोनों किनारों पर बीएसएफ की पोस्टें हैं। कुछ दूरी पर लडवाल-लोंडी के बीच बने पुल पर सुरक्षा बलों के तीन नाके हैं। इसके बाद नाले के रूट पर अगली कुछ दूरी पर करोल में बीएसएफ और पुलिस नाका है। फिर चकड़ा, मथुरा चक में पुलिस का नाका है। कुछ दूरी पर जंगी चक गांव में सेना और पुलिस का नाका तरनाह नाले के दोनों दिशाओं के किनारे पर है। चार किलोमीटर पथवाल दियालाचक तक हाईवे से जुड़े तरनाह नाले पर बीच में कोई नाका नहीं है। सूत्रों के अनुसार 30 जनवरी रात को घना कोहरा था। आशंका है कि उसी रात आतंकियों ने कोहरे का लाभ उठाकर इसी रास्ते का इस्तेमाल तो नहीं किया। मवेशी तस्करों के लिए पथवाल सेफ रूट रहा है। दियालाचक सटे से चजेरथा गांव की बात करें तो कई सालों से स्थानीय लोग संदिग्ध देखे जाने की सूचनाएं पुलिस को देते रहे हैं। पुलिस ने यहां कई बार सर्च ऑपरेशन भी चलाए हैं। पुलिस महानिदेशक के हीरानगर से घुसपैठ की पुष्टि करने के बाद भी कठुआ पुलिस अधिकारी किसी भी तरह की घुसपैठ होने की संभावना को खारिज कर रहे हैं।
घुसपैठ नहीं होने की रिपोर्ट दे दी :
घटना के तुरंत बाद तरनाह नाले में सुरक्षा का जिम्मा संभाले तमाम एजेंसियों ने जांच करके क्षेत्र से घुसपैठ नहीं होने की रिपोर्ट दी है। ट्रक चालक ने सांबा के चीची माता के पास हाईवे से आतंकियों को बैठाने की जानकारी देकर तरनाह नाले से घुसपैठ करने की जताई जा रही संभावना को उच्च अधिकारियों के बयान को खत्म कर दिया। सुरक्षा के पूरे प्रबंध
मौजूदा समय में जिला पुलिस की ओर से सीमा पार से होने वाली किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा के पूरे प्रबंध है। और इसके लिए बाकायदा बीएसएफ और सेना से भी पूरा तालमेल बना रहता है।
श्री धर पाटिल, एसएसपी कठुआ 31 के बाद नहीं हुई फायरिग
गांव चक चंगा और छन्न लालदीन के बीच बीएसएफ डिच बना रही है। इसी कारण पाक रेंजर्स लगातार दो माह से फायरिग कर काम रुकवाने का प्रयास कर रही है। 31 जनवरी के बाद हीरानगर में पाक की गोलबारी बंद है।