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गोलियों की बौछार में भी नहीं डिगी आस्था

आए दिन जारी पाक की अकारण गोलाबारी का सुरक्षा बल दुश्मन का मुहंतोड़ जवाब देने में लगे हैंऐसे तनावपूर्ण हालात में जहां सीमा प्रहरियों के हौसले बुलंद हैं वहीं उनके साथ वहां सीमांत गांवों में रहने वाले गांवावासियों के हौसले भी कम बुलंद नहीं है। सीमा पार से चलने वाली गोलियों के बीच भी गांववासी अब अपनी दिनचर्या जारी रखकर बिना हथियार

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 09:48 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 09:48 AM (IST)
गोलियों की बौछार में भी नहीं डिगी आस्था
गोलियों की बौछार में भी नहीं डिगी आस्था

राकेश शर्मा, कठुआ :

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भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आए दिन पाकिस्तान की अकारण गोलाबारी का करारा जवाब दे रहे सुरक्षा बल के जवानों के साथ सीमांतवासी भी मजबूत दीवार की तरह खड़े हैं। कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर का गांव बोबिया जीरो लाइन के पास स्थित है। सीमा से मात्र पांच सौ मीटर दूर इस गांव में पाकिस्तानी रेंजर्स वीरवार रातभर गोले बरसाते रहे और शुक्रवार सुबह स्थानीय लोगों ने गांव में बाबा बैधोनाथ के देव स्थान पर भंडारा आयोजित कर शांति की दुआ मांगी। करीब 40 परिवारों वाले इस गांव में भंडारे में आसपास के लोगों ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। गांववालों ने साबित कर दिया कि पाकिस्तान भले ही कितनी गोलाबारी कर ले, सीमांत लोग अपने घर व गांव को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।

गांव बोबिया के लोग वर्ष 1947 से लेकर आज तक कई युद्धों व गोलाबारी का सामना कर चुके हैं। गांव के निवासी सुभाष सिंह, तीर्थ सिंह व तरसेम सिंह ने बताता कि देव स्थान सीमा के बिल्कुल नजदीक है। सीमा पर तनाव के बावजूद हर साल तीन जनवरी को यहां भंडारे का आयोजन किया जाता है, लेकिन हर बार पाकिस्तान भंडारे के दिन गोलीबारी करके उन्हें परेशान करता है। उन्होंने कहा कि बोबिया गांव पूरी तरह से पाक की बंदूकों के सामने है और हमेशा रहेगा। बाबा के आशीर्वाद से भंडारा निरंतर चलता रहेगा। सुभाष सिंह ने बताया कि भंडारा संपन्न होने के बाद शुक्रवार शाम को पाक ने फिर गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन हमारी आस्था में खलल नहीं डाल सका।

सुभाष सिंह ने बताया कि बंटवारे से पहले उनके गांव से पाक के समकाल क्षेत्र से होकर लोग लाहौर जाते थे, तब बाबा भी इसी रास्ते से आते-जाते थे, लेकिन एक दिन वह इसी रास्ते में समा गए। जैसे उनका इस धरती से रिश्ता जुड़ गया, वैसे ही गांववासियों में भी उनके प्रति आस्था बन गई। गांववासियों ने सीमा के पास उनका देव स्थान बना दिया, जहां दशकों से भंडारा चल रहा है। वीरवार पूरी रात पाक ने गोले बरसाए, लेकिन गांववासी बेखौफ होकर प्रसाद ग्रहण करने आए।


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