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रसाना मामले को लेकर मंत्री के काफिले पर पथराव

जेएनएन, कठुआ/हीरानगर : रसाना मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर राज्य सरकार और उसके

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 02:17 AM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 02:17 AM (IST)
रसाना मामले को लेकर  मंत्री के काफिले पर पथराव
रसाना मामले को लेकर मंत्री के काफिले पर पथराव

जेएनएन, कठुआ/हीरानगर : रसाना मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर राज्य सरकार और उसके मंत्रियों के रवैये से लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। शनिवार को कूटा में आमरण अनशन पर बैठे ¨हदू एकता मंच के सदस्यों ने कठुआ में जिला विकास बोर्ड की बैठक में भाग लेने आ रहे पब्लिक हेल्थ एंड इंजीनिय¨रग (पीएचई) मंत्री चौधरी शाम लाल को काले झंडे दिखाए। इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गुस्साए लोगों ने मंत्री के काफिले को रोककर उनके वाहन का घेराव किया। महिलाओं ने मंत्री को काले झंडे दिखाकर उनके सामने प्रदर्शन किया, लेकिन बड़ी संख्या में मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह मंत्री को सुरक्षित निकाल लिया।

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मंत्री को वहां से निकलते देख ¨हदू एकता मंच के सदस्यों में रोष इतना बढ़ गया कि उन्होंने मंत्री के पीछे काफिले में शामिल वाहन पर पत्थर बरसा दिए, जिससे काफिले के एक वाहन के शीशे टूट गए।

माहौल बिगड़ते देख मंत्री के साथ अपने वाहन में आ रहे ओबीसी सलाहकार बोर्ड के चेयरमेन रशपाल वर्मा को बीच रास्ते में ही अपना वाहन मोड़ना पड़ा। हालांकि महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए उनका भी घेराव किया। इससे पहले करीब नौ बजे ¨हदू एकता मंच के प्रधान विजय शर्मा, कांत कुमार, भागमल खजूरिया, सुदेश कुमार, राज खजूरिया, शमशेर सिंह और अन्य सदस्य कूटा में इकट्ठे हो गए।

क्षेत्र के एसडीपीओ रघुवीर सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल लेकर पहुंच गए। करीब साढ़े नौ बजे जैसे ही मंत्री कठुआ की तरफ आने लगे तो हिंदू एकता मंच के सदस्यों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच आकर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान लोगों ने कूटा मुख्य चौक लोंडी मोड़ से दूसरे मार्ग से चौक के नजदीक पहुंच कर मंत्री के वाहन को रोककर नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने लोगों को पीछे हटाकर मंत्री के वाहन वहां से निकाले। इस दौरान हाईवे पर काफी देर तक हंगामा होता रहा।

इस बीच लोंडी कट्टल मार्ग पर भी लोग इकट्ठे हो गए, जिन्हे देख अन्य सरकारी अधिकारियों ने वहां से रास्ता बदल लिया और बेई नाला से परंगोली के रास्ते कठुआ पहुंचे।

वहीं, रसाना मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर बिशनदास का पांचवें दिन और धर्मपाल का दूसरे दिन आमरण अनशन जारी रहा। ¨हदू एकता मंच के प्रधान विजय कुमार व कांत कुमार ने कहा कि जब तक रसाना मामले की जांच सीबीआइ को नहीं सौंपी जाती तब तक मंत्रियों को काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोग 36 दिनों से बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए सीबीआइ जांच की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने जो कहानी पेश की है, उसे देखते हुए न केवल जम्मू बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से भी लोग सीबीआइ जांच करवाने की मांग करने लगे है।

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कठुआ आकर पीएचई मंत्री चारों ओर से बुरी तरह से घिर गए

-मंत्री को वापस जाने के लिए कोई रास्ता नहीं मिल रहा था

-मंत्री को जम्मू वापस लौटते समय बदलना पड़ा रूट जागरण संवाददाता, कठुआ : पीएचई मंत्री चौधरी शाम लाल सुबह किसी तरह कूटा से जान बचाकर कठुआ में बैठक करने तो पहुंच गए, लेकिन उनके लिए जम्मू लौटना मुश्किल हो गया। पहले तो उन्हें कठुआ में बैठक स्थल से वापस निकलने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रास्ते बंद कर दिए। जिला पुलिस को मंत्री को बैठक स्थल से खाना खाने वाले फिश फार्म स्थल पर पहुंचाना मुश्किल हो गया। करीब आधा घंटा तक मंत्री को डीसी ऑफिस से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। बाद में पुलिस ने जबरन महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हटाया। इस दौरान पुलिस को धक्कामुक्की भी करनी पड़ी। बाद में किसी तरह मंत्री वहां से निकले, लेकिन उन्हें जम्मू लौटने के लिए सुरक्षित रास्ता नहीं मिल रहा था। बाद में उन्होंने जम्मू लौटने के लिए हाईवे की बजाय वाया दियालाचक-रामकोट से बट्टल वालियां होते हुए जम्मू पहुंचना पड़ा।


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