कूटा में एक और अनशनकारी की हालत बिगड़ी
संवाद सहयोगी, हीरानगर : रसाना मामले की सीबीआइ जाच की मांग को लेकर 37 दिनों से कूटा
संवाद सहयोगी, हीरानगर : रसाना मामले की सीबीआइ जाच की मांग को लेकर 37 दिनों से कूटा में आमरण अनशन जारी है। रविवार को अनशन पर बैठे रसाना निवासी बिशनदास की तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों की सलाह पर प्रशासन ने उन्हें उपजिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। वह छह दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए थे।
उनके स्थान पर अब रसाना के ही 42 वर्षीय शशि पाल पुत्र दयाराम ने अनशन शुरू कर दिया है। धर्मपाल का तीसरे दिन भी अनशन जारी रहा। प्रत्येक दिन की तरह रविवार को भी ¨हदू एकता मंच के अन्य सदस्यों और महिलाओं ने धरना दिया और माग के समर्थन में नारेबाजी की।
इस मौके पर ¨हदू एकता मंच के सदस्य पूर्व सरपंच विजय टगोत्रा ने कहा कि रसाना मामले की सीबीआइ से निष्पक्ष जाच करवाने की माग को लेकर कूटा में आमरण अनशन चल रहा है। जिन जनप्रतिनिधियों को जनता ने चुनकर भेजा था उन्होंने न तो लोगों की बात सुनी और न ही मुख्यमंत्री पर सीबीआइ से जाच करवाने के लिए दबाव बनाया। शनिवार को कूटा में लोग कठुआ की तरफ जा रहे पीएचई मंत्री चौधरी शाम लाल को रोक कर विरोध जताना चाहते थे। मंत्री ने वाहन रोककर लोगों की बात सुनने की बजाय वाहन तेजी से निकालने की कोशिश की, जिससे लोग भड़क गए और काले झंडे दिखाए।
उन्होंने कहा कि अब पुलिस ने काले झंडे दिखाने वाले ¨हदू एकता मंच के कुछ सदस्यों पर एफआइआर दर्ज की है। जबकि कश्मीर में सेना व सुरक्षाबलों पर पत्थर बरसाने वालों को सरकार इनाम देती है। उन्हे जेलों से रिहा कर दिया जाता है। ¨हदू एकता मंच ने चेतावनी दी कि अगर उनके सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार करने की कोशिश की तो जम्मू संभाग के सभी जिलों में संघर्ष तेज कर दिया जाएगा।