Move to Jagran APP

पहाड़ी क्षेत्र में हुई वर्षा, मैदानी क्षेत्रों में छूटे पसीने

पहाड़ी क्षेत्रों में सोमवार को राहत मिली। वहां झमाझम वर्षा हुई लेकिन मैदानी क्षेत्रों में कोई राहत नहीं मिली। कठुआ के बिलावर रामकोट आदि क्षेत्रों में वर्षा हुई लेकिन कठुआ जिला मुख्यालय हीरानगर लखनपुर और अन्य मैदानी क्षेत्रों के अलावा बसोहली में लोगों के पसीने छूटते रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 09:00 AM (IST)
पहाड़ी क्षेत्र में हुई वर्षा, मैदानी क्षेत्रों में छूटे पसीने
पहाड़ी क्षेत्र में हुई वर्षा, मैदानी क्षेत्रों में छूटे पसीने

जागरण संवाददाता, कठुआ : तीन दिन से लगातार बढ़ रही उमस भरी गर्मी से बेहाल जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में सोमवार को राहत मिली। वहां झमाझम वर्षा हुई, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में कोई राहत नहीं मिली। कठुआ के बिलावर, रामकोट, आदि क्षेत्रों में वर्षा हुई, लेकिन कठुआ जिला मुख्यालय, हीरानगर, लखनपुर और अन्य मैदानी क्षेत्रों के अलावा बसोहली में लोगों के पसीने छूटते रहे। कठुआ शहर में लोगों ने नहर में नहाकर दिन बिताया।

loksabha election banner

जिला मुख्यालय पर शहर के बीचोबीच बहने वाली ड्रीमलैंड पार्क के साथ ठंडी पानी की कठुआ कनाल में सैकड़ों लोग परिवार सहित वहां नहाकर राहत पाते देखे गए, जिससे वहां पर दिन भर मेले जैसा माहौल बना रहा। नहर के ठंडे पानी में नहाकर राहत पाने के लिए सिर्फ शहरवासी नहीं, बल्कि आसपास के जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब के लोग भी पहुंचे। इसी बीच मैदानी इलाके में लोग अभी वर्षा की उम्मीद लगाए हैं। हालांकि उमस के बीच इधर भी माहौल वर्षा वाला बन रहा है। इसी बीच मौसम विभाग द्वारा सोमवार जिला का अधिकतम तापमान 37.9 और न्यूनतम 27.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि आ‌र्द्रता अधिकतम 94 प्रतिशत और न्यूनतम 47 प्रतिशत रही। बिलावर में झमाझम वर्षा के बाद किसान रोपाई में जुटे उप जिला के बिलावर सुकराला देवी, रिया टांडी, बाथर किशन पुर में सोमवार को जोरदार वर्षा हुई। उसके बाद वर्षा पर निर्भर किसानों ने तुरंत धान की रोपाई और मक्की की बुवाई का काम शुरू कर दिया। सोमवार की बारिश पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के लिए राहत दायक रही। किसानों का कहना है कि बिलावर में सिचाई की व्यवस्था सीमित क्षेत्रों तक की है, जिसके चलते अधिकतर क्षेत्रों में किसान खेतों में सिचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर हैं। बारिश से खेतों में अब पर्याप्त नमी बन गई है, जिससे मक्की की बुवाई और धान की रोपाई आसानी से हो सकेगा। इस क्षेत्र में बारिश होने से लोगों को उमस से राहत मिली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.