तालाब भूमि के लिए पूर्व मंत्री का धरना
जागरण संवाददाता, कठुआ : पूर्व मंत्री बाबू सिंह ने जिला प्रशासन द्वारा शहर के कॉलेज रोड स्थित इंदिरा
जागरण संवाददाता, कठुआ : पूर्व मंत्री बाबू सिंह ने जिला प्रशासन द्वारा शहर के कॉलेज रोड स्थित इंदिरा कॉलोनी के पास रेवेन्यू रिकॉर्ड में तालाब घोषित कर दी गई भूमि पर अपना मालिकाना हक जताते हुए वीरवार समर्थकों सहित वहां धरना दिया। धरने के दौरान बाबू सिंह ने जिला प्रशासन से रेवेन्यू रिकॉर्ड में उक्त भूमि पर फिर से उनका मालिकाना हक दर्ज किए जाने की मांग की है। ऐसा न होने तक बाबू सिंह ने उक्त मांग को लेकर धरने को जारी रखने का फैसला किया। वहीं बाबू सिंह के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने फिलहाल उक्त भूमि को तालाब के रूप में विकसित करने का काम दूसरे दिन भी बंद रखा है। वहीं जिला प्रशासन ने अपने रिकॉर्ड में भूमि को तालाब बताया है, लेकिन इधर बाबू सिंह का कहना है कि उक्त भूमि उनकी मालिकाना है, जो उनकी स्वर्गीय पत्नी आशा रानी के नाम पर पंजीकृत है। उनका आरोप है कि मौजूदा जिला प्रशासन ने उनके मालिकाना हक को रेवेन्यू रिकॉर्ड में बेदखल कर उसे तालाब बताकर उनकी छवि को धूमिल किया है। इसके पीछे गहरी राजनीतिक साजिश है, लेकिन वो इसे सफल नहीं होने देंगे और अपने हक के लिए संघर्ष करेंगे। हालांकि वो अब तक अपने हक के लिए नहीं बल्कि एक राजनीतिज्ञ होने के कारण जनता के हक के लिए हमेशा लड़ते आ रहे हैं, लेकिन अब उन्हें जिला प्रशासन के तानाशाही सिस्टम के खिलाफ अपने हक के लिए भी सड़कों पर उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि उक्त जमीन उन्होंने 1992 में खुदाबख्श के बेटे ताज मोहिउद्दीन से खरीदी थी और 1999 में उनकी पत्नी के नाम इसका इंतकाल हुआ, ऐसे में अगर उस समय रेवेन्यू रिकॉर्ड में ये तालाब की भूमि होती तो उनके नाम मालिकाना हक नहीं होता। उस समय के भी रेवेन्यू अधिकारियों ने ही मालिकाना हक दिया है, लेकिन बाद में अब मौजूदा प्रशासन उनकी भूमि को तालाब घोषित करके उनकी मालिकाना हक को बेदखल किया है, जो कि गलत है। ऐसे में तब तक उक्त भूमि रेवेन्यू रिकॉर्ड में दोबारा उनके नाम नहीं होती, वो अपने हक के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।