डीडीसी चुनाव का अस्थाई कर्मियों ने दी बहिष्कार करने की चेतावनी
संवाद सहयोगी बिलावर जल शक्ति विभाग के अस्थाई कर्मचारियों ने मागों की अनदेखी करने का आरोप लगा
संवाद सहयोगी, बिलावर: जल शक्ति विभाग के अस्थाई कर्मचारियों ने मागों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए डीडीसी चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है। पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले अस्थाई कíमयों की बिलावर में हुई बैठक में चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया।
पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के अध्यक्ष बीरबल जलमेरिया ने कहा कि अस्थाई कर्मचारियों की लंबित मागों को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। उप राज्यपाल प्रशासन ने भी उनकी मागों को पूरा करने की बजाए मुकदशक बना हुआ है। अस्थाई कíमयों कíमयों ने कहा कि पिछले कई सालों से विभाग में लगातार सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार मागों को लगातार अनदेखी कर रही है। उनमें से कई कर्मचारी सरकार की उपेक्षित नीतियों के कारण अब ओवरेज हो चुके है, जिसके कारण भविष्य अंधकार में हो गया है। उन्होंने कहा कि अस्थाई कर्मचारी विभाग के जर्जर स्टेशनों पर जान जोखिम में डालकर बिना किसी सुरक्षा के अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सरकार द्वारा उनकी मागों की ओर कोई भी गौर नहीं किया गया है, इसलिए जल शक्ति विभाग के अस्थाई कर्मचारियों के परिजन सरकार की उपेक्षित नीतियों के खिलाफ जिला विकास परिषद के होने वाले चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे।
उधर, सांबा में बिजली विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मी अपनी मांगों को लेकर 12 नवंबर को चीफ इंजीनियर कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे। सांबा में जेएंडके नान गजेटेड इम्प्लाइज यूनियन द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में यूनियन के प्रांतीय सचिव सुरजीत खजुरिया ने कहा कि आज तक उनके साथ सरकारें भद्दा मजाक करती आई हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में वर्षो से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर हैं। आए दिन हादसों में यह गरीब लोग या तो पूरी उम्र के लिए अपंग हो जाते हैं और कई तो अपनी जान भी गंवा चुके हैं। सरकार की ओर से कुछ नहीं किया गया। खजुरिया ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जिला सांबा, कठुआ व जिला जम्मू के आज भी 1996, 97 व उसके बाद से लगे कर्मी स्थायी होने की आस लगाए बैठे हैं, जबकि दूसरे अन्य जिलों में 2012-13 के दैनिक वेतन भोगियों को स्थायी किया गया है। उन्होंने कहा कि उनका जो बकाया वेतन बनता है, वह जल्द दिया जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनने पर मिनिमम वेज एक्ट लागू किया जाना चाहिए। इस अवसर पर प्रांतीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह सलाथिया, रमन शर्मा, अजय सिंह, बोध राज, कुलदीप राज, अश्विनी शर्मा, अनिल सिंह, सुरिदर कुमार भी उपस्थित थे।