अनशन पर बैठे तीन डेलीवेजरों की हालत बिगड़ी, अस्पताल शिफ्ट
- उनकी जगह तीन और अन्य कर्मी आमरण अनशन पर बैठे - धरना स्थल पर डीएसपी तहसीलदार केके ख
- उनकी जगह तीन और अन्य कर्मी आमरण अनशन पर बैठे
- धरना स्थल पर डीएसपी, तहसीलदार केके खजूरिया एवं थाना प्रभारी अरविंद संब्याल पहुंचे, डॉक्टरों की टीम बुलाकर स्वास्थ्य चेक कराया, फोटो सहित:1,2,3
जागरण संवाददाता, कठुआ : 5 साल का लंबित वेतन और स्थायी करने की माग को लेकर विगत 3 दिन से आमरण अनशन पर बैठे पीएचई विभाग के डेलीवेजरों की शनिवार हालत बिगड़ गई। इसके चलते आमरण अनशन पर बैठे 3 कर्मियों कृष्ण चंद, पवन कुमार और चशम कुमार को अस्पताल में ले जाना पड़ा और उनकी जगह नरेंद्र सिंह और विशंभर आमरण अनशन पर बैठ गए, वहीं कर्मियों की बिगड़ती हालत की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी सकते में आ गए। सूचना मिलते ही मौके पर तहसीलदार केके खजूरिया, डीएसपी निखिल रसगोत्रा आमरण अनशन स्थल पीएचई विभाग के जिला कार्यकारी अभियंता के कार्यालय में पहुंच गए। वहां उनकी गंभीर हालत देखते ही अधिकारियों ने डॉक्टरों को मौके पर बुलाकर उनके स्वास्थ्य की जाच करवाई। जांच के दौरान तीन कर्मियों को डॉक्टर माधव ने हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करवाने को कहा, लेकिन कर्मियों ने अपनी हालत बिगड़ने के बावजूद आमरण अनशन स्थल से हटने को इन्कार कर दिया। आमरण अनशन पर बैठे पाच में से तीन कर्मियों के अस्पताल शिफ्ट होने पर वहा धरना स्थल पर मौजूद रह गए दो कर्मियों का उत्साह बढ़ाने के लिए तीन और नए कर्मी आमरण अनशन पर बैठ गए। वहीं डेलीवेजरों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी माग पूरी नहीं होगी आमरण अनशन लगातार जारी रहेगा। कर्मियों के रुख को देखते हुए डीएसपी मुख्यालय निखिल रसगोत्रा भी मौके पर पहुंचे, जबकि इससे पहले तहसीलदार केके खजूरिया और थाना प्रभारी अरविंद संब्याल ने विभाग के कार्यकारी अभियंता सुरजीत सिंह की उपस्थिति में पूर्व की भाति उनकी समस्या का समाधान कराने के लिए अधिकारियों ने आश्वासन देकर धरना समाप्त करने का प्रयास किया लेकिन कर्मियों ने अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि इस बार वह किसी भी आश्वासन में नहीं आएंगे और अपना आदोलन जारी रखेंगे। एसोसिएशन के शिव नारायण सिंह ने कहा कि अपनी माग और हक के लिए अब अपनी जान तक दे देंगे लेकिन अधिकारियों के झूठे आश्वासनों में नहीं आएंगे हालाकि बाद में डीएसपी ने कर्मियों की बिगड़ी हालत पर उन्हें जिला अस्पताल में शिफ्ट करवाने के लिए राजी करवा लिया। हालांकि इससे पहले अपने तीन साथियों की बिगड़ती हालत के बावजूद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में ले जाने के लिए राजी नहीं थे लेकिन डीएसपी ने उन्हें अपना आदोलन जारी रखने के लिए मना नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो कर्मी बीमार हो रहे हैं, उन्हें अस्पताल ले जाए और अगर वो चाहते हैं तो उनके स्थान पर अन्य नए कर्मियों को बिठा सकते हैं, उनके आदोलन में पुलिस किसी किस्म का हस्तक्षेप नहीं करेगी।