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गोविंदसर में चुनाव न कराने पर भड़के लोग

जागरण संवाददाता, कठुआ : गोविंदसर पंचायत बी के लोगों ने पंचायत में चुनाव न कराने पर सरकार व जिला प्रश

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 07:38 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 07:38 PM (IST)
गोविंदसर में चुनाव न कराने पर  भड़के लोग
गोविंदसर में चुनाव न कराने पर भड़के लोग

जागरण संवाददाता, कठुआ : गोविंदसर पंचायत बी के लोगों ने पंचायत में चुनाव न कराने पर सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ रविवार प्रदर्शन किया और जारी चुनावी प्रक्रिया में उनकी पंचायत में भी चुनाव कराने की माग की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पंचायत के पूर्व सरपंच विजय शर्मा ने कहा कि एक तरफ सरकार राज्य में सभी पंचायतों में चुनाव कराने में लगी है, वहीं दूसरी तरफ जिला में उनकी पंचायत चुनाव से वंचित कर रखी है, अगर किसी स्थानीय ने इस प्रक्रिया में कोर्ट का स्टे लेकर बाधा डाला है तो ऐसी स्थिति में चुनाव अधिकारियों को उस बाधा को दूर करने के लिए प्रयास कर उनकी पंचायत में भी चुनाव कराने का मार्ग दर्शन करना चाहिए ताकि उनकी पंचायत के लोग भी लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण निचले स्तर में भाग लेकर अपनी मर्जी के प्रतिनिधि चुनकर गाव के विकास में तेजी लाने के प्रयास में अपना योगदान दे सकें। पूरे जिले की मात्र एक पंचायत में चुनाव न होना दुर्भाग्यपूर्ण है, इसके लिए स्थानीय चुनाव अधिकारी जिम्मेदार हैं, जो लोकतंत्र की बहाली के लिए गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, वो सिर्फ सरकारी आदेश पर चुनावी ड्यूटी पूरी करने की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय ने गलत मतदाता सूची बनाने को आधार बनाकर कोर्ट से स्टे ले रखा है तो गलत वोट बनने पर उसे रद कराने की तय तिथि में प्रक्रिया के अनुसार रद करवाया जा सकता था, इसके लिए कोर्ट में जाकर पूरी पंचायत के चुनाव स्थगित कराने का औचित्य नहीं बनता था। जिला प्रशासन को इसका संज्ञान लेकर हस्तक्षेप कर उनकी पंचायत में भी चुनाव कराने के लिए प्रयास करना चाहिए, हालाकि उन्हें उम्मीद थी कि प्रशासन कोर्ट में स्टे को हटाने के लिए प्रयास करेगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिससे उनकी पंचायत के लोग अब चिंतित हैं। उन्हें अब पंचायत चुनाव नहीं होने की चिंता सताने लगी है। इससे पहले वो भी कोर्ट की शरण में जाए, प्रशासन को लगे स्टे को हटाने के प्रयास कर उनकी पंचायत में भी चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करानी चाहिए ताकि यहां के निवासी भी अपने प्रतिनिधि चुन कर लोकतंत्र के पर्व में अपनी भागीदारी यकीनी बना सके। अगर चुनाव नहीं हुए तो कैसे निचले स्तर सरकार के लोकतंत्र बहाल करने के दावे सच होंगे, कैसे उनकी पंचायत में विकास होगा। उन्होने कहा कि एक ग्रामीण द्वारा लिए गए स्टे से पूरे पंचायत के लोग सफर क्यों हो, उसके कारण पंचायत चुनाव क्यों रोके जाए। शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी पंचायत के चुनाव में आई बाधा को दूर करने के लिए प्रयास नही किया गया तो आने वाले समय में पूरी पंचायत यहां होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगी।

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